लखनऊ। लोगों की सुविधाओं के लिए लखनऊ मंडी परिषद सस्ते दाम में टमाटर बेच रहा है। ऐसे में 150 रुपए प्रति किलो वाला टमाटर अब महज 75 रुपए किलो के हिसाब से खरीदा जा सकता है। दरअसल, मंडी परिषद ने सभी जिलों में टमाटर का स्टॉल लगाना शुरू कर दिया है। इसमें उस जिले के होल सेल रेट के हिसाब से टमाटर बेचा जा रहा है। इसमें प्रति व्यक्ति को एक किलो टमाटर दिया जा रहा है। दुबग्गा मंडी परिषद के इंस्पेक्टर जेबी सिंह ने बताया कि उनके यहां सबसे अच्छा टमाटर 75 रुपए किलो के हिसाब से बेचा जा रहा है। साप्ताहिक अवकाश वाले दिन को छोड़ दिया जाए तो प्रतिदिन सुबह 10 से शाम 4 बजे खरीदारी का मौका है।
यहां लगाया गया स्टॉल
उन्होंने बताया यह रेट बदल सकता है। हालांकि रेट होल सेल के हिसाब से ही होगा। मंडी में आढ़ती किसी बाहरी व्यक्ति को पांच या 10 किलो से कम माल नहीं देता है। ऐसे में जो कस्टमर एक या दो किलो माल खरीदते हैं उनको ध्यान में रखते हुए यह स्टॉल लगाया गया है। लखनऊ में दुबग्गा के अलावा सीतापुर रोड स्थित गल्ला मंडी में भी ऐसा स्टॉल लगाया गया है। उन्होंने बताया कि बारिश कम होने के बाद रेट में कमी आ सकती है। अभी काफी ज्यादा बारिश होने की वजह से बाहर से माल आने में परेशानी हो रही है। आम दिनों में टमाटर का काम मंडी में ज्यादा कारोबारी करते है। लेकिन मौजूदा समय दुबग्गा और सीतापुर रोड गल्ला मंडी मिलाकर महज 4 से 5 कारोबारी ही टमाटर का काम कर रहे है। इसकी वजह से डिमांड और सप्लाई का समीकरण गड़गड़ हो गया है।
दामों पर पड़ेगा बारिश का असर
इसके अलावा माल बेंगलुरु से आ रहा है। आस- पास के राज्यों से भी माल नहीं आ रहा है। अब लोडिंग और किराया ही काफी ज्यादा हो जाता है। ऐसे में रेट कम रखना मुश्किल है। दूर से माल मंगाने के दौरान कच्चा सौदा खराब भी जल्दी होता है। ऐसे में उसका रेट भी कारोबारी जोड़ लेते हैं कारोबारी कमलेश ने बताया कि अभी सब्जियों के रेट में बढ़ोतरी संभव है। उन्होंने बताया कि लखनऊ और आस-पास के जिलों में बारिश होने लगी है। अगर यह बारिश ज्यादा होती है तो रेट पर असर पड़ेगा। पैदावार कम होती और डिमांड कम नहीं होगा। ऐसे में डिमांड और सप्लाई का अनुपात गड़बड़ होने की स्थिति में सब्जियों का महंगा होना तय है। फिलहाल आस-पास के जिलों से हरी सब्जियां आ रही है। कारोबारियों का कहना है कि सब्जियों के महंगा होने की मुख्य वजह काम के कारोबार में मौजूदा समय ज्यादातर ट्रांसपोर्ट वाले व्यस्त हैं। महज एक से डेढ़ महीने का यह कारोबार होता है। इसमें मुनाफा ज्यादा होता है। इसके अलावा इसकी बुकिंग ट्रक वालों से पहले ही हो जाती है। ऐसे में ट्रांसपोर्ट की कमी भी पड़ गई है। दूसरे राज्यों से माल मंगाने में परेशानी हो रही है। अभी कुछ दिनों तक यह समस्या रहेगी।