Year Ender 2023: वर्ष 2023 बुंदेलखंड को बुलंदियों पर पहुंचाने वाला साल साबित हुआ। इस वर्ष योगी सरकार ने बुंदेलखंड में मिशन मोड पर काम किया और बड़ी-बड़ी परियोजनाओं की सौगात दी, जिसने कभी प्रदेश के सबसे पिछड़े इलाकों में एक माने जाने वाले इस क्षेत्र को अग्रणी स्थान पर लाने का काम किया। योगी सरकार ने ओर से जहां झांसी में नोएडा की तर्ज पर इंडस्ट्रियल सिटी बसाने के लिए बुंदेलखंड इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी (बीडा) की स्थापना की गई, तो वहीं दूसरी ओर ललितपुर में बल्क ड्रग पार्क के निर्माण को भी हरी झंडी मिली। पेयजल उपलब्धता के लिए चलाए जा रहे जल जीवन मिशन के काम यहां पूर्ण होने की अवस्था में पहुंच गए तो डिफेंस कॉरिडोर में बीडीएल ने भूमिपूजन करने के साथ ही यूनिट के निर्माण का काम शुरू कर दिया। स्मार्ट सिटी झांसी की कई परियोजनाएं पूरी हुईं तो पर्यटन, कृषि, रोजगार, खेल आदि के क्षेत्र में इस एक वर्ष में कई बड़े निर्णय सरकार की ओर से लिए गए।
बुंदेलखंड इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी का गठन
उत्तर प्रदेश सरकार ने वर्ष 2023 में झांसी शहर के निकट 33 गांवों में विस्तारित बुंदेलखंड इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी के गठन को मंजूरी दी। इतना ही नहीं, सीईओ के पद पर नियुक्ति करने के साथ ही झांसी जिले में कार्यालय खोलने का प्रस्ताव भी आमंत्रित कर दिया। सीईओ ने झांसी पहुंचकर कार्यभार संभाल लिया और जमीन अधिग्रहण का रोडमैप तैयार किया जा रहा है। देश के कई बड़े औद्योगिक समूहों ने उत्तर प्रदेश सरकार से बीडा में जमीन आवंटन के लिए अपना प्रस्ताव दिया है। यूपी सरकार का यह कदम इस क्षेत्र में उद्योग और रोजगार के लिहाज से बड़ा परिवर्तनकारी निर्णय माना जा रहा है। योगी सरकार की योजना नोएडा की तर्ज पर यहां इंडस्ट्रियल सिटी बसाने की है, जो बुंदेलखंड के लिए एक नई संजीवनी का काम करेगा।
बीडीएल के कारखाने का निर्माण शुरू
योगी सरकार का डिफेंस कॉरिडोर भी झांसी के लिए बड़ी उपलब्धि साबित हो रहा है। डिफेंस कॉरिडोर के झांसी नोड में भारत डायनॉमिक्स लिमिटेड (बीडीएल) की इकाई की स्थापना के लिए वर्ष 2021 में पीएम मोदी ने आधारशिला रखी थी। वर्ष 2023 में इसकी यूनिट के निर्माण के लिए भूमिपूजन के साथ ही स्थापना का काम शुरू कर दिया गया। यूपी सरकार झांसी के गरौठा में बन रहे डिफेंस कॉरिडोर के क्षेत्र में आधारभूत सुविधाओं को बेहतर करने में जुटी है। इस क्षेत्र में कई अन्य इकाइयों की स्थापना के लिए यूपी सरकार के सामने प्रस्ताव आए हैं। बड़ी-बड़ी डिफेंस कंपनियां यहां जब अपनी यूनिट स्थापित करेंगी तो रोजगार के इतने साधन उपलब्ध होंगे कि युवाओं को नौकरी के लिए बुंदेलखंड से बाहर जाने की जरूरत नहीं रह जाएगी।
ललितपुर में बल्क ड्रग पार्क के लिए सर्वे शुरू
ललितपुर जिले में पांच गांव में 1472 एकड़ क्षेत्रफल पर बल्क ड्रग पार्क के निर्माण के लिए प्रक्रिया शुरू हो गई। मास्टर प्लान और प्रोजेक्ट रिपोर्ट की तैयारी के लिए यूपीसीडा ने काम शुरू कर दिया है। पहले चरण में 300 एकड़ क्षेत्रफल में आधारभूत संरचनाओं को विकसित करने के लिहाज से डीपीआर तैयार किया जाना है। यूपी सरकार ललितपुर जिले को जेनरिक दवाओं के हब के रूप में विकसित करने की योजना पर भी काम कर रही है। इस पार्क को विकसित करने के लिए यूपी सरकार कई प्रतिष्ठित रिसर्च संस्थानों को नॉलेज पार्टनर बना रही है।
पर्यटन क्षेत्र में एडॉप्ट ए हेरिटेज पर काम शुरू
बुंदेलखंड के ऐतिहासिक स्थलों को एडॉप्ट ए हेरिटेज योजना के तहत विकसित करने के लिए सरकार ने कई स्थलों के लिए प्रस्ताव आमंत्रित किए। देश के कई प्रतिष्ठित होटल समूहों ने इन स्थानों में अपनी दिलचस्पी दिखाई है और उम्मीद है कि बहुत जल्द इस स्थानों की तस्वीर बदलती दिखाई देगी। एडॉप्ट ए हेरिटेज योजना के माध्यम से झांसी के बरुआसागर किला, राम जानकी मंदिर गरौठा, पठामढ़ी का मंदिर गरौठा और बंजारी का मंदिर एवं बेर के लिए प्रस्ताव आमंत्रित किए गए। इनके अलावा बुंदेलखंड के रॉक कट गुफाएं देवगढ़ ललितपुर, सुमेरगढ़ का प्राचीन मंदिर ललितपुर, सोमनाथ मंदिर मानिकपुर चित्रकूट, खाकरा मठ चरखारी महोबा, रणछोर मंदिर धोजरी ललितपुर, प्राचीन बैठक तालबेहट ललितपुर, चन्देली मंदिर करियारी हमीरपुर, शांतिनाथ मंदिर भरवारा महोबा, शिव मंदिर उल्दना कला ललितपुर, दशरथ घाटी चित्रकूट और खंडेह के मंदिर मौदहा हमीरपुर के लिए प्रस्ताव मंगाए गए।
जल जीवन मिशन पर काम अंतिम चरण में
बुंदेलखंड के सभी सातों जिलों में जल जीवन मिशन के अंतर्गत नल से जल पहुंचाने का काम लगभग अंतिम अवस्था में है। महोबा में यह 98 प्रतिशत, झांसी में 97 प्रतिशत, चित्रकूट में 93 प्रतिशत, बांदा में 96 प्रतिशत, ललितपुर में 98 प्रतिशत, जालौन में 89 प्रतिशत और हमीरपुर में 89 प्रतिशत तक कार्य पूर्ण हो चुका है। इसके अलावा नगरीय क्षेत्रों में भी पीने का साफ पेयजल पहुंचाने के लिए कई बड़ी योजनाओं पर तेज गति से काम हुआ और पेयजल संकट को दूर करने में काफी सफलता मिली है। जल जीवन मिशन के अंतर्गत जिन स्थानों पर पानी की उपलब्धता शुरू हो गयी है, उन स्थानों पर जन जीवन में परिवर्तन साफ़ तौर पर दिखाई दे रहा है।
स्मार्ट सिटी की परियोजनाओं पर काम अंतिम चरण में
झांसी में स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के अंतर्गत कई महत्वपूर्ण काम इस वर्ष पूर्ण किए गए। दिवंगत सीडीएस जनरल बिपिन रावत की स्मृति में झांसी किले की तलहटी में स्मार्ट सिटी के अंतर्गत बने पार्क का लोकार्पण भी इसी वर्ष किया गया। राजकीय पुस्तकालय के उच्चीकरण का काम पूरा हुआ, जिसका मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लोकार्पण किया। इसके साथ ही हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद की स्मृति में बने ध्यानचंद म्यूजियम का भी काम इसी वर्ष पूरा हुआ और मुख्यमंत्री ने इसका लोकार्पण किया।
समग्र विकास पर सरकार का फोकस
योगी सरकार बुंदेलखंड क्षेत्र के समग्र विकास को केंद्रित करते हुए योजनाओं के क्रियान्वयन पर जोर दे रही है। निरंतर सभी जिलों में बड़ी गौशालाओं का निर्माण, परिषदीय विद्यालयों में स्मार्ट सिटी और माइनिंग फंड के माध्यम से सुविधाओं का विकास, अस्पतालों में आधारभूत सुविधाओं की बढ़ोत्तरी, कृषि से संबंधित योजनाओं में कृषकों को सहायता, असहाय और कमजोर वर्गों के लोगों को आर्थिक सहायता सहित अन्य जन कल्याणकारी योजनाओं को लागू करने और उन पर नियमित निगरानी पर सरकार ध्यान केंद्रित कर रही है। शासन के शीर्ष अफसरों और मंत्रियों के साथ ही प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी निरंतर इस क्षेत्र का दौरा कर योजनाओं की जमीनी हकीकत का जायजा लेते रहे हैं।
इसे भी पढ़ें: मदरसे के छात्र ने दी दूसरे पुलवामा हमले की धमकी
बुंदेलखंड की बुलंद तस्वीर
-इटावा से चित्रकूट तक 296 किमी. लंबे बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे का निर्माण
-बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे को सोलर एक्सप्रेसवे के रूप में विकसित किया जा रहा
-झांसी लिंक एक्सप्रेसवे एवं चित्रकूट लिंक एक्सप्रेसवे का निर्माण कार्य प्रगति पर
-बुंदेलखंड में डिफेंस कॉरिडोर के लिए 550 करोड़ रुपए की स्वीकृति
-झांसी और चित्रकूट में एयरपोर्ट को मंजूरी
-जालौन में 350 करोड़ से 79 एकड़ में पुलिस ट्रेनिंग सेंटर का निर्माण
-प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए 68.83 करोड़ की स्वीकृति
-श्री चित्रकूट धाम तीर्थ विकास परिषद का गठन
-चित्रकूट के रानीपुर में उत्तर प्रदेश के चौथे टाइगर रिजर्व की स्थापना
-चित्रकूट में श्रद्धालुओं एवं पर्यटकों के लिए रोपवे की सुविधा
-1400 करोड़ की लागत से झांसी से खजुराहो तक 4 लेन हाईवे का निर्माण प्रगति पर
इसे भी पढ़ें: कांग्रेस मणिपुर से ही क्यों शुरू करेगी भारत न्याय यात्रा