World Heart Day: शुक्रवार को विश्व हृदय दिवस (World Heart Day) मनाया गया। इस बार इसकी थीम Use Heart, Know Heart रखी गई है। विश्व हृदय दिवस पर एक वेबीनार को संबोधित करते हुए फार्मासिस्ट फेडरेशन के अध्यक्ष एवं स्टेट फार्मेसी काउंसिल के पूर्व चेयरमैन सुनील यादव ने कहा है कि मरीजों को समय पर दवा लेना सबसे जरूरी है, इसके लिए कुछ टिप्स जानना आवश्यक है। अपने संबोधन में उन्होंने कहा, जब हम किसी के बारे में जानते हैं तो उसका ध्यान रख सकते हैं, मामला शरीर के उस अंग का है, जो सदैव गतिमान रहता है, इसे क्षण भर भी नहीं रुकना है, इसलिए दिल का ध्यान रखना सबसे जरूरी है।
दिल को कैसे रखें स्वस्थ
उन्होंने कहा, अच्छी जीवन शैली, नियमित व्यायाम, अच्छा खान-पान, नियमित चेकअप, अच्छा स्वास्थ्यवर्धक भोजन कर शुगर और ब्लड प्रेशर को नॉर्मल रखकर, तनाव को दूर कर, तले भुने खाने और मोटापे से दूरी बनाकर दिल को स्वस्थ रखा जा सकता है। ब्लड प्रेशर और शुगर दोनों की दवाई लेने के लिए समय का निर्धारण आवश्यक है। चिकित्सक और फार्मासिस्ट के बताए हुए समय पर ही दवा ली जानी चाहिए, यदि समय से दवा नहीं ले जाती है तो उसके दुष्परिणाम होते हैं, साथ ही रोग घटने के बजाय बढ़ सकता है। उन्होंने आम जनता को सलाह देते हुए कहा कि इन टिप्स को अपनाते हुए हम दवाओं को भूलने से बच सकते हैं, इसके लिए मरीज को चार बॉक्स बनाना होगा जो दवाई खाली पेट खानी है उसे एक बॉक्स में रखते हुए बॉक्स के ऊपर खाली पेट लिखना होगा, इसके साथ ही सुबह, दोपहर, शाम के तीन डिब्बे और बनाने होंगे, इसमें तीनों टाइम की दवाऐं अलग-अलग रखनी है, इसके अलावा कभी-कभी रात को सोते समय भी कुछ दवायें दी जाती हैं उन्हें अन्य दवाओं से अलग बॉक्स में बंद करके रखना होता है।
नियमित रूप से दवा खाएं
सभी दवाओं को ऐसी जगह रखें जो बच्चों से दूर रहे, दवा पर सीधे सूरज की रोशनी ना पड़े, सीलन ना हो। इन्सुलिन को रेफ्रीजिरेटर में रखें, लगाने से थोड़ी देर पहले निकाल लें। समय से दवा लेने पर उसकी आवश्यक मात्रा शरीर में बनी रहेगी और यदि दवा समय के बाद या पहले ली जाती है तो कभी शरीर में मात्रा ज्यादा हो सकती है या मात्रा कम भी हो सकती है, जो नुकसानदायक होता है। हृदय रोगों से बचने के लिए शुगर और ब्लड प्रेशर को नियमित रूप से मॉनिटर करना चाहिए और इसे नियंत्रण में रखना चाहिए ऐसे सभी मरीजों को नियमित रूप से डॉक्टर और फार्मेसिस्ट के संपर्क में रहना चाहिए। अपने आप कभी दवा बंद नहीं करना चाहिए और ना ही डोज से छेड़छाड़ करना चाहिए।
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हृदय रोगों के प्राथमिक कारण
उन्होंने दिल संबंधित बीमारियों के कारणों पर भी बात करते हुए बताया कि खराब आहार, व्यायाम की कमी और धूम्रपान मुख्य कारक माने जाते हैं। इस प्रकार, विकासशील देशों में भी, जहां अक्सर कुशल स्वास्थ्य का अभाव होता है, देखभाल जागरूकता कार्यक्रमों से इनमें से अधिकांश बीमारियों को रोका जा सकता है। हृदय रोगों का देशों के भीतर आर्थिक प्रभाव भी पड़ता है। उन्होंने बताया, विशेषज्ञों ने बताया कि अगर चलने में सांस फूलती हो, लगातार कमजोरी, चक्कर, तेज सिर दर्द, तेज धड़कन, एकाएक पसीना, सीने में दर्द, उल्टी आदि महसूस हो तो बिना देर किए चिकित्सक की सलाह लें, नियमित शुगर, ब्लड प्रेशर, कोलेस्ट्रॉल की जांच कराएं।
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