बस्ती: उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ जिलाध्यक्ष उदयशंकर शुक्ल के संयोजन में बुधवार को परसुरामपुर बीआरसी पर तहसील स्तरीय सेवा निवृत्त 650 शिक्षकों का सम्मान किया गया। मुख्य अतिथि प्रदेश अध्यक्ष सुशील कुमार पाण्डेय ने कहा कि शिक्षक अपनी शक्ति को पहचाने और कर्तव्य पालन के साथ ही अधिकारों की रक्षा के लिये संघर्ष करें। कहा कि अधिकारों के लिये प्रदेश व्यापी आन्दोलन लगातार चलाये जा रहे हैं किन्तु हठवादी सरकार शिक्षक और कर्मचारियोें की न्यायोचित मांगों को भी लगातार अनसुना कर रही है ऐसे में निरन्तर आन्दोलन की धार और धारा को बनाये रखना होगा।
उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के प्रदेश संरक्षक एवं पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अभिमन्यु प्रसाद तिवारी ने कहा कि शिक्षक की भूमिका समाप्त नहीं होती। सेवा निवृत्त शिक्षक बेहतर ढंग से जानते हैं कि किस प्रकार से लगातार संघर्ष के द्वारा उन्हें अधिकार मिले। नयी पीढी के शिक्षकों को अपने सेवा निवृत्त शिक्षकों के संघर्ष से प्रेरणा लेना होगा वरना एक-एक कर अधिकार छीन लिये जायेंगे। उन्होने पुरानी पेंशन नीति बहाली के लिये एकजुट होकर संघर्ष पर जोर दिया।
शिक्षक विधायक धु्रव कुमार त्रिपाठी ने कहा कि शिक्षक का महत्व युगों तक बना रहेगा। विधानसभा में भी शिक्षकों को चुनकर भेजे जाने की जरूरत है जिससे सदन में शिक्षकों की समस्या प्रमुखता से उठे और सरकारों को उनकी जायज मांगों को स्वीकार करने के लिये बाध्य होना पड़े।
इसे भी पढ़ें: राज्य मंत्री ने की मुलाकात, विकास कार्यों पर हुई चर्चा
प्राथमिक शिक्षक संघ जिलाध्यक्ष उदयशंकर शुक्ल ने परसुरामपुर बीआरसी पर आयोजित कार्यक्रम में अतिथियों का स्वागत करते हुये कहा कि शिक्षक सक्रिय राजनीति में आये इसके लिये शिक्षक समाज को भी मन बदलकर सहयोग के लिये प्रस्तुत होना होगा। शिक्षकों के मुख्यमंत्री, केन्द्रीय मंत्री बनने के अनेक उदाहरण देते हुये उदयशंकर शुक्ल ने कहा कि यदि शिक्षक ठान लें तो कुछ भी असंभव नहीं है। यदि विधानसभाओं तक शिक्षकों की आवाज पहुंचाने वाले न बढे तो आने वाले समय में शिक्षकों की मुश्किलें और बढ सकती है। कहा कि जिन शिक्षकों ने संघ से जुड़कर मेरे साथ वर्षों तक संघर्ष में साथ दिया और आज सेवा निवृत्त हैं उन्हें सम्मानित कर संघ स्वयं गौरवान्वित हो रहा है। संचालन करते हुये जिला कोषाध्यक्ष अभय सिंह यादव ने शिक्षक समस्याओं को विस्तार से रखा।
कार्यक्रम में मुख्य रूप से अरूणदेव शुक्ल, विश्वनाथ प्रताप सिंह, मार्कण्डेय राय, प्रभाकर मिश्र,देवेन्द्र वर्मा, रक्षाराम वर्मा, सुनील पाण्डेय, शोभाराम वर्मा, दिनेश वर्मा, रवि प्रकाश, उपेन्द्र पाण्डेय, रविन्द्रनाथ, हरिश्चन्द्र यादव, अरविन्द पाण्डेय, रामजी वर्मा, राजीव पाण्डेय, विनय मिश्र, रामजीत चौधरी, विजय कन्नौजिया, अरविन्द कुमार, राजकुमार, रामविलास पाण्डेय, राम प्रसाद, मित्रसेन सिंह, रामशंकर पाण्डेय, गोरख दूबे, देवेन्द्र यादव, आनन्द दूबे, चन्द्रभान चौरसिया, सुखराज गुप्ता, नरेन्द्र कुमार द्विवेदी, सतीश शंकर शुक्ल, दान बहादुर दूबे, राम बहोर मिश्र, रामभरत वर्मा, अभिषेक उपाध्याय, चन्द्रभान चौरसिया, रीता शुक्ल, सन्तोष शुक्ल, मुक्तिनाथ वर्मा, सन्तोष कुमार शुक्ल, शैल शुक्ल, विजय प्रकाश चौधरी, मारूफ खान, विजय वर्मा, राघवेन्द्र प्रताप सिंह, बाल्मीक सिंह, सूर्य प्रकाश शुक्ल, शिवकुमार तिवारी के साथ ही संघ पदाधिकारी एवं बड़ी संख्या में सेवानिवृत्त शिक्षक उपस्थित रहे।
इसे भी पढ़ें: लखीमपुर घटना: ‘राहुल-प्रियंका वापस जाओ’ के लगे पोस्टर