लखनऊ: उत्तर प्रदेश में चल रहे उपचुनावों के बीच चुनाव आयोग ने कड़ी कार्रवाई करते हुए कई अधिकारियों को निलंबित कर दिया है। यह कदम समाजवादी पार्टी (सपा) द्वारा उठाए गए आरोपों के बाद लिया गया, जिसमें कहा गया था कि कुछ खास समुदायों को मतदान से रोका जा रहा है। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने आरोप लगाया था कि कुछ पुलिस अधिकारी और सरकारी कर्मचारी भाजपा के पक्ष में पक्षपाती रवैया अपना रहे हैं और सपा समर्थकों को मतदान करने से रोक रहे हैं।

उन्होंने खासकर कानपुर और अन्य जिलों के अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाए थे। अखिलेश यादव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि कुंदरकी थाने के थानाध्यक्ष प्रदीप सहरावत, मुरादाबाद के एडीएम, कमिश्नर आंजनेय, सीसामऊ के डीएसपी दिनेश त्रिपाठी, इंस्पेक्टर चमन गंज दिनेश बिष्ट, और कर्नलगंज के इंस्पेक्टर रमेश श्रीवास्तव के नाम भी लिए, जिनके बारे में उनका आरोप था कि ये अधिकारी चुनाव प्रक्रिया में गड़बड़ी करवा रहे हैं। इसके साथ ही सपा अध्यक्ष ने चुनाव में गड़बड़ी करा रहे अधिकारियों का सख्त चेतावनी देते हुए कहा है कि सरकार बनने पर ऐसे अधिकारियों की नौकरी नहीं बचेगी।

चुनाव आयोग ने इन आरोपों पर त्वरित प्रतिक्रिया देते हुए मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने उत्तर प्रदेश के मुख्य चुनाव अधिकारी (CEO) और सभी जिला चुनाव अधिकारियों (DEOs)/रिटर्निंग अधिकारियों (ROs) को सख्त निर्देश जारी किए। आयोग ने कहा कि वे सभी शिकायतों का तुरंत संज्ञान लें और त्वरित कार्रवाई करें। चुनाव आयोग ने यह भी स्पष्ट किया कि किसी भी मतदाता को मतदान से रोकने की अनुमति नहीं दी जाएगी और यदि कोई दोषी पाया जाता है तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इसके अलावा, उत्तर प्रदेश के 9 जिलों में तैनात पुलिस और सामान्य पर्यवेक्षकों को भी खास निर्देश दिए गए हैं कि वे मतदान प्रक्रिया पर कड़ी नजर रखें और यह सुनिश्चित करें कि चुनाव शांतिपूर्ण और निष्पक्ष तरीके से हो।

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चुनाव आयोग की कार्रवाई के तहत कानपुर में कुछ पुलिस अधिकारियों को निलंबित किया गया है, जो मतदाताओं को वोट डालने से रोकने के आरोप में थे। इस सख्त कदम से आयोग ने यह स्पष्ट कर दिया है कि उपचुनाव में किसी भी प्रकार की गड़बड़ी या पक्षपाती व्यवहार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इस बीच, राजनीतिक हलकों में यह सवाल उठ रहा है कि क्या इस कड़ी कार्रवाई से उपचुनाव में निष्पक्षता सुनिश्चित हो पाएगी या फिर आरोपों की जांच में कोई और घटनाएं सामने आएंगी।

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