Usri Chatti Case: उसरी चट्टी कांड (Usri Chatti Case) में बाहुबली नेता मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) को गवाह तौकीर ने बड़ा झटका दिया है। मंगलवार को गाजीपुर (Ghazipur) की एमपी/एमएलए कोर्ट (MP/MLA Court) में इस मामले में सुनवाई हुई। इस दौरान मामले के गवाह तौकीर ने आरोपी बृजेश सिंह (Brijesh Singh) को पहचानने से इनकार कर दिया। आज की सुनवाई में कोर्ट ने मुख्तार अंसारी और बृजेश सिंह को कोर्ट में पेश होने के लिए कहा था, लेकिन सुरक्षा कारणों के चलते दोनों को पेश नहीं किया जा सका।

माना जा रहा था 21 साल बाद मुख्तार अंसारी और बृजेश सिंह का गाजीपुर एमपी-एमएलए कोर्ट में आमना-सामना होगा, लकिन ऐसा नहीं हो सका। इस मामले पर अगली सुनवाई अब 10 जनवरी को होगी। कोर्ट ने 10 जनवरी को मुख्तार अंसारी को व्यक्तिगत तौर पर पेश होने को कहा है।

बता दें कि मुख्तार अंसारी के परिवार की तरफ से चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया को चिट्ठी भेजकर पेशी के लिए बांदा जेल से गाजीपुर कोर्ट ले जाने के समय सुरक्षा में पैरामिलिट्री फोर्स तैनात करने, मुख्तार को बुलेट प्रूफ जैकेट दिए जाने और बुलेट प्रूफ एंबुलेंस मुहैया कराए जाने की गुहार लगाई थी। लेकिन मुख्तार की तरफ से की गई इस वीआईपी कल्चर वाली मांग पर कोर्ट ने कोई आदेश नहीं दिया।

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क्या है मामला

बता दें कि उसरी चट्टी का चर्चित केस 21 वर्ष पुराना है। 15 जुलाई, 2001 के समय यूपी में पंचायत चुनाव चल रहे थे। मुख्तार अंसारी उस दिन रविवार को अपने समर्थकों का प्रचार करने के लिए अपने गांव मोहम्मदाबाद से काफिले के साथ निकला था। मोहम्मदाबाद से करीब 7 किलोमीटर की दूरी पर उसरी चट्टी गांव में कुछ लोग एक ट्रक पर पहले से छिपे हुए थे। मुख्तार का काफिला करीब आते ही ट्रक पर सवार लोगों ने ताबड़तोड़ फायरिंग झोंक दी। इस हमले में दो लोगों की गोली लगने से मौके पर ही मौत हो गई थी और मुख्तार अंसारी समेत कई लोग घायल हुए थे। इस मामले में मुख्तार अंसारी ने बृजेश सिंह और उसके साथी त्रिभुवन सिंह को नामजद करते हुए कुल 17 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी।

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