
UP Police Bharti: उत्तर प्रदेश में अधिकारियों के भरोसे चल रही योगी सरकार को बीते लोकसभा चुनाव में जनता आइना दिखा दिया है। फर्जी आंकड़ेबाजी से प्रदेश की जनता कितनी नाराज है लोकसभा चुनाव मंच बीजेपी को मिली सीटों से समझा जा सकता है। युवाओं के मुद्दे पर बीजेपी के गुरुर को तोड़ने वाली समाजवादी पार्टी उत्तर प्रदेश पुलिस में आउट सोर्सिंग से भर्ती कराने वाली चिट्ठी सामने आने के बाद योगी सरकार पर हमलावर हो गई है। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने चिट्ठी पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने सोशल मीडिया साइट एक्स पर युवाओं के मुद्दों को उठाते हुए भारतीय जनता पार्टी की सरकार को घेरा है।
अखिलेश यादव ने आरोप लगाते हुए कहा कि उप्र में BJP सरकार ने पुलिस व्यवस्था के प्रति लापरवाही भरा नज़रिया अपना रखा है, जिसकी वजह से अपराधियों के हौसले बुलंद हैं। एक-के-बाद-एक कार्यवाहक डीजीपी के बाद अब कुछ ‘पुलिस सेवाओं की आउटसोर्सिंग’ पर विचार किया जा रहा है। ठेके पर पुलिस होगी तो, न ही उसकी कोई जवाबदेही होगी, न ही गोपनीय और संवेदनशील सूचनाओं को बाहर जाने से रोका जा सकेगा। भाजपा सरकार जवाब दे कि जब पुलिस का अपना भर्ती बोर्ड है तो बाक़ायदा सीधी स्थायी नियुक्ति से सरकार भाग क्यों रही है?
उप्र में भाजपा सरकार ने ‘पुलिस व्यवस्था’ के प्रति लापरवाही भरा नज़रिया अपना रखा है, जिसकी वजह से अपराधियों के हौसले बुलंद हैं। एक-के-बाद-एक कार्यवाहक डीजीपी के बाद अब कुछ ‘पुलिस सेवाओं की आउटसोर्सिंग’ पर विचार किया जा रहा है। ठेके पर पुलिस होगी तो, न ही उसकी कोई जवाबदेही होगी, न… pic.twitter.com/Auh4hrnUQh
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) June 13, 2024
सपा अध्यक्ष ने कहा कि पुलिस सेवा में भर्ती के इच्छुक युवाओं की ये आशंका है कि इसके पीछे आउटसोर्सिंग का माध्यम बनने वाली कंपनियों से ‘काम के बदले पैसा’ लेने की योजना हो सकती है क्योंकि सरकारी विभाग से तो इस तरह पिछले दरवाज़े से ‘पैसा वसूली’ संभव नहीं है। अपने आरोप के आधार के रूप में वो कोरोना वैक्सीन बनाने वाली प्राइवेट कंपनी का उदाहरण दे रहे हैं, जिसे बीजेपी (BJP) ने नियम विरुद्ध जाते हुए, वैक्सीन बनानेवाली एक सरकारी कंपनी के होते हुए भी, वैक्सीन बनाने का ठेका दिया और उससे चंदा वसूली की।
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उन्होंने कहा कि पुलिस भर्ती परीक्षा के पेपर लीक से आक्रोशित युवाओं में इस तरह की ‘पुलिस सेवा की आउटसोर्सिंग’ की ख़बर से और भी उबाल आ गया है। आउटसोर्सिंग का ये विचार तत्काल त्यागा जाए और उप्र के युवाओं को नियमित, निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से सीधी नियुक्ति प्रक्रिया के माध्यम से नौकरी दी जाए। बीजेपी कहीं किसी दिन ‘सरकार’ ही आउटसोर्स न कर दे।
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