UP News: प्रदेश में हाल ही में सकुशल सम्पन्न हुए नगरीय निकाय चुनाव और पर्व त्योहारों के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने बुधवार को एक उच्चस्तरीय बैठक में गृह विभाग की समीक्षा की। इस दौरान उन्होंने शासन स्तर के वरिष्ठ अधिकारियों तथा जिला, रेंज, जोन व मंडल स्तर पर तैनात वरिष्ठ प्रशासनिक एवं पुलिस अधिकारीगणों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये बैठक कर जरूरी दिशा-निर्देश दिए।
फील्ड में तैनात अधिकारी/कर्मचारी जनसमस्याओं के निस्तारण को शीर्ष प्राथमिकता देते हुए जनसुनवाई कार्यक्रमों को तेजी से आगे बढ़ाएं। आमजन के साथ संवेदनशील व्यवहार रखें। यह ध्यान रखें कि आपका आचरण आम आदमी के मन में शासन के प्रति विश्वास का आधार बनता है। जनता की संतुष्टि ही आपके प्रदर्शन की श्रेष्ठता का मानक होगा। थाना दिवस और तहसील दिवस को और प्रभावी बनाया जाना आवश्यक है। यह सुनिश्चित करें कि शिकायतों का निस्तारण अगले थाना/तहसील दिवस से पूर्व जरूर हो जाए। जनसुनवाई की इन तिथियों को व्यापक प्रचार-प्रसार करें। यहां आने वाले मामले कतई लंबित न रहें।
हर स्तर के फील्ड में तैनात अधिकारी अपने तैनाती क्षेत्र में ही रात्रि विश्राम करें। दूसरे क्षेत्र में निवास न करें। वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा इस व्यवस्था के अनुपालन के लिए औचक निरीक्षण किया जाए। मंडलायुक्त, जिलाधिकारी, पुलिस कप्तान, डीआईओएस, बीएसए, जिला पूर्ति अधिकारी जैसे जनता से सीधा जुड़ाव रखने वाले सभी अधिकारी अपने कार्यालयों में ही आम जन से मिलें, उनकी शिकायतों/समस्याओं को सुनें और मेरिट के आधार पर निस्तारित करें। कैंप कार्यालय की व्यवस्था केवल कार्यालय अवधि के उपरांत अथवा अवकाश के दिनों में ही होनी चाहिए।
कई जनपदों में विकास कार्यों की गति बेहद धीमी है , ऐसे में अधिकारी जिलों में चल रहे विकास कार्यों की नियमित समीक्षा करें ताकि कार्य समयबद्ध के साथ पूरा किया जा सके। विकास कार्यों को लेकर नोडल अधिकारी तैनात कर उनकी जवाबदेही तय होनी चाहिए। कुछ माह पूर्व सहज संवाद के माध्यम से हमने धर्मस्थलों से लाउडस्पीकर हटाये जाने की अभूतपूर्व कार्रवाई सम्पन्न की थी। लोगों ने व्यापक जनहित को प्राथमिकता देते हुए स्वतःस्फूर्त से लाउडस्पीकर हटाये। इसकी पूरे देश में सराहना हुई थी। हाल के दिनों में जनपदीय दौरों के समय मैंने अनुभव किया है कि कुछ जिलों में पुनः यह लाउडस्पीकर लगाए जा रहे हैं। यह स्वीकार्य नहीं है। तत्काल संपर्क-संवाद कर आदर्श स्थिति बनाई जाए।
प्रदेश के किसी भी जनपद में अवैध टैक्सी स्टैंड, बस स्टैंड/रिक्शा स्टैंड संचालित न हों। ऐसे स्टैंड पर अवैध वसूली होने को बढ़ावा देते हैं। यह वसूली समाजविरोधी कार्यों में उपयोग होती है। जहां कहीं भी ऐसी गतिविधियां संचालित हो रही हों, उन्हें तत्काल बंद कराया जाए। टैक्सी स्टैंड के लिए ठेकेदार स्थान निर्धारित करें। जिला उद्योग बंधु की बैठकें नियमित रूप से हों। जिलाधिकारी और पुलिस कप्तान स्वयं इस बैठक में उपस्थित रहें। उद्यमियों की हर समस्या का यथोचित समाधान करें। यदि प्रकरण उच्चस्तर से सम्बंधित है तो तत्काल अवगत कराएं। आवश्यकतानुसार मुख्यमंत्री कार्यालय को भी जानकारी दें। उद्यमियों का एक भी प्रकरण लंबित न रहे। इसे शीर्ष प्राथमिकता दी जाए।
बेटियों-महिलाओं के साथ छेड़खानी करने वाले शोहदों के खिलाफ कठोरतम कार्रवाई हो। ऐसे शोहदों की पहचान के लिए सक्रियता बढ़ाई जाए। पुलिस बल हर दिन फुट पेट्रोलिंग करें। वरिष्ठ अधिकारी भी फुट पेट्रोलिंग में भाग लें। प्रदेश में अवैध शराब की निर्माण, क्रय, विक्रय की एक भी घटना घटित न हो, इसके लिए ठोस कार्रवाई करने की जरूरत है। पुख्ता सूचना जुटाकर अवैध शराब के ठिकानों पर छापामार कार्रवाई की जाए। दोषियों के खिलाफ कठोरतम कार्रवाई की जाए। नशे के आदि पुलिसकर्मियों को फील्ड की जिम्मेदारी कतई न दी जाए। ऐसे लोगों को चिह्नित कर इनकी सेवाएं समाप्त की जानी चाहिए।
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जिलाधिकारी/पुलिस कप्तान स्थानीय जनप्रतिनिधियों से सतत संवाद-संपर्क बनाए रखें। उनके सुझावों पर ध्यान दें। उनके पत्रों का मेरिट के आधार पर त्वरित निस्तारण किया जाए। ध्वनि प्रदूषण पर सख्ती से रोक लगाए, सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइंस का अक्षरशः पालन करना सुनिश्चित करें। मांगलिक कार्यक्रम से पहले डीजे और म्यूजिक सिस्टम संचालकों से संवाद कायम करें। किसी को भी अव्यवस्था फैलाने की छूट नहीं मिलनी चाहिए।
प्रदेश के सभी 17 नगर निगमों और गौतमबुद्ध नगर को स्मार्ट और सेफ सिटी बनाना है। सबके साथ संवाद कायम करें। सीसीटीवी कैमरे को ई ट्रिपल सी से जोड़े। हर जिले के मुख्यालय के पास पहली बड़ी नगर पालिका और नगर पंचायतों को भी सेफ और स्मार्ट सिटी के अभियान से जोड़ें। बाढ़ प्रबंधन को लेकर अभी से तैयारी शुरू करें। ड्रेनेज सिस्टम को दुरुस्त कराएं। 15 जून तक बाढ़ प्रबंधन तैयारियां को पूरा कर लें। गर्मी अभी और बढ़ सकती है, इसे देखते हुए बिजली की सतत आपूर्ति सुनिश्चित करें। कहीं भी पेयजल का संकट न हो। मनुष्य के साथ ही पशु पक्षी के लिए पेयजल की आपूर्ति सुनिश्चित करें।
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