
गोंडा: चुनाव में जीत हार तो लगी रहती है। चुनाव मैदान उतरते तो कई प्रत्याशी हैं, पर जीत का सेहरा किसी एक के सिर ही बंधता है। हालांकि क्षेत्र में किस प्रत्याशी की जीत हो रही है, इसका आभास चुनाव से पहले सियासी रुख को देखकर लगने लगता है। इसके प्रमाण पार्टी के नेता होते हैं। चुनाव के दरमियान नेताओं की भगदड़ को देखकर आसानी से समझ में आ जाता है कि हवा का रुख किसकी तरफ चल रहा है। जिस तरह से दूसरे दलों के नेता लगातार सपा का दामन थाम रहे हैं, उससे यह साफ हो जाता है कि प्रदेश में किन दलों के बीच लड़ाई है। गोंडा जनपद के करनैलगंज सीट में जो रुख देखने का मिल रहा है, उससे यही लग रहा है कि यहां पर बीजेपी की सीट फंस रही है। चुनाव से पहले यहां भाजपा के पक्ष में अच्छा माहौल था, लेकिन अजय कुमार सिंह को प्रत्याशी बनाए जाने के बाद से अचानक माहौल बदल गया।
अजय कुमार सिंह को प्रत्याशी बनाए जाने के बाद से बीजेपी नेताओं में जारी कलह सतह पर आ गई। नतीजा यह है कि पार्टी के कई दिग्गज नेता भाजपा छोड़कर सपा का दामन थाम रहे हैं। सपा में जाने वाले नेता काफी हद तक भाजपा के वोटों को प्रभावित करेंगे। क्योंकि ये वो नेता हैं जो भाजपा को अपना लंबा वक्त दे चुके हैं। भाजपा छोड़ने वालों में पार्टी के विधायक अजय प्रताप सिंह उर्फ लल्ला भइया, भूपेंद्र सिंह और दिग्विजय सिंह हैं, जिनका क्षेत्र में अपना अच्छा वोट है। ऐसे में इनका विरोध यह समझने के लिए काफी है कि चुनाव में भाजपा प्रत्याशी अजय कुमार सिंह का क्या अंजाम होने वाला है।
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भाजपा की लहर में पत्नी को असानी से परसपुर ब्लाक प्रमुख का पद दिलाने वाले अजय कुमार सिंह को विधायकी भी उतनी ही आसान नजर आ रही है। हालांकि क्षेत्र में चर्चा है कि अजय कुमार सिंह के सिर पर सांसद बृजभूषण शरण सिंह का हाथ है। शायद यही वजह है कि उन्हें और कोई नजर ही नहीं आ रहा है। फिलहाल पार्टी नेताओं का आपसी विरोध अजय कुमार सिंह को कितना नुकसान पहुंचाएगा यह तो आने वाला वक्त बताएगा। लेकिन क्षेत्र में बीजेपी प्रत्याशी के खिलाफ जो माहौल बनता जा रहा है, उसे शुभ संकेत नहीं माना जा सकता।
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