लखनऊ: उत्तर प्रदेश भाजपा अध्यक्ष (UP BJP state president) को लेकर चल रही कयासबाजी पर पार्टी ने विराम लगाते हुए जाट नेता भूपेंद्र चौधरी (Bhupendra Chaudhary) को प्रदेश अध्यक्ष बना दिया है। बताया जा रहा है कि पश्चिमी यूपी में भूपेंद्र चौधरी (Bhupendra Chaudhary) की अच्छी पकड़ है। जाट बरादरी में भूपेंद्र चौधरी बड़े चेहरे के तौर पर देखे जाते हैं। कृषि आंदोलन के नाम पर विपक्ष की तरफ से जाटों को लेकर जो सियासत की जा रही है, भूपेंद्र चौधरी (Bhupendra Chaudhary) के सामने आने से विपक्ष के इस मंसूबे पर पानी फिरता नजर आ रहा है। वहीं यह भी चर्चा है कि जाट नेता होने के चलते भूपेंद्र चौधरी (Bhupendra Chaudhary) ने भाजपा प्रदेश अध्यक्ष (UP BJP state president) की रेस में बाजी मार ली है।
जाट बिरादरी में मजबूत पकड़ का मिला तोहफा
राजनीतिक विश्लेषकों की मानें तो भूपेंद्र सिंह चौधरी को जाट बिरादरी और पश्चिमी यूपी में मजबूत पकड़ रखते हैं। भूपेंद्र सिंह की पकड़ का ही परिणाम रहा कि यूपी विधानसभा चुनाव में पूर्वांचल में बीजेपी ने भले ही उम्मीद के अनुसार बेहतर प्रदर्शन करने में विफल रही, लेकिन पश्चिमी यूपी में किसान आंदोलन के बाद भी शानदार जीत हासिल की थी।
कार्यक्रम छोड़कर पहुंचे थे लखनऊ
बीजेपी की शानदार जीते के बाद योगी-2.0 में भूपेंद्र चौधरी को प्रदेश सरकार में दूसरी बार मंत्री बनाया गया। हालांकि इससे पहले उन्होंने लंबे समय तक संगठन में काम किया है। उन्होंने क्षेत्रीय अध्यक्ष तक की जिम्मेदारी निभाई है। बता दें कि भूपेंद्र चौधरी के उत्तर प्रदेश के नए अध्यक्ष (UP BJP state president) बनने की कयासबाजी बुधवार की दोपहर उस समय लगनी शुरू हो गई थी, जब वह आजमगढ़ में अचानक अपना कार्यक्रम बीच में छोड़कर लखनऊ के लिए रवाना हो गए थे।
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मुलायम के खिलाफ लड़ चुके हैं चुनाव
गौरतलब है कि पश्चिमी यूपी के मुरादाबाद की कांठ विधानसभा सीट जाट लैंड के रूप में भी जाना जाता है। जाट नेता भूपेंद्र चौधरी इसी जाट लैंड के रहने वाले हैं। भूपेंद्र चौधरी योगी सरकार के पिछले कार्यकाल में भी मंत्री बनाया गया था। उस दौरान उन्हें पंचायती राज्य मंत्री की जिम्मेदारी मिली थी। भूपेंद्र चौधरी बीजेपी के उन दिग्गज नेताओं में से हैं, जो वर्ष 1999 में सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव के सामने लोकसभा का चुनाव लड़ चुके हैं। हालांकि उनके सामने भूपेंद्र सिंह को हार का सामना करना पड़ा था। इसके बावजूद बीजेपी का विश्वास उन पर कायम रहा और इसी भरोसे का अब भूपेंद्र चौधरी को इनाम मिला है।
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