पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए प्रेरणा का दस्तावेज है ‘लोगों का काम है कहना’
सुदर्शन व्यास ‘लोगों का काम है कहना…’ पुस्तक का आखिरी पन्ना पलटते समय संयोग से महात्मा गांधी का एक ध्येय वाक्य मन–मस्तिष्क में गूंज उठा– ‘कर्म ही पूजा है’। जब…
सुदर्शन व्यास ‘लोगों का काम है कहना…’ पुस्तक का आखिरी पन्ना पलटते समय संयोग से महात्मा गांधी का एक ध्येय वाक्य मन–मस्तिष्क में गूंज उठा– ‘कर्म ही पूजा है’। जब…
संजय द्विवेदी महज एक नाम है। वह नाम नहीं, जिसके आगे प्रोफेसर या डॉक्टर लगा हो। वह नाम नहीं, जिसके बाद महानिदेशक या कुलपति लगा हो। यह नाम है ऐसे…
Book Review: सक्रिय पत्रकारिता की लंबी पारी खेलने के बाद अब मीडिया-गुरु के रूप में सुपरिचित प्रो. संजय द्विवेदी समकालीन विषयों पर निरंतर लिखते रहे हैं। इनका राष्ट्रवादी टोन आकर्षित…
संत समीर आजकल आमतौर पर जिस तरह के साक्षात्कार हमें पढ़ने को मिलते हैं, यदि उनके भीतर की परतों को पहचानने की कोशिश करें तो कम ही साक्षात्कार मिलेंगे जो…