Kahani: निर्दोष को दंड

Kahani: बहुत समय पहले हरिशंकर नाम का एक राजा था। उसके तीन पुत्र थे और अपने उन तीनों पुत्रों में से वह किसी एक पुत्र को राजगद्दी सौंपना चाहता था।…

Kahani: मूर्तिकार का अहंकार

Kahani: बहुत समय पहले की बात है, एक गाँव में एक मूर्तिकार (मूर्ति बनाने वाला) रहता था वह ऐसी मूर्तियाँ बनता था, जिन्हें देख कर हर किसी को मूर्तियों के…

Kahani: हंस और कौआ

Kahani: पुराने जमाने में एक शहर में दो ब्राह्मण पुत्र रहते थे, एक गरीब था तो दूसरा अमीर। दोनों पड़ोसी थे। गरीब ब्राह्मण की पत्नी उसे रोज़ ताने देती झगड़ती।…

Kahani: चित्रकार की गलती

Kahani: किसी नगर में एक प्रसिद्ध चित्रकार रहता था। देश-विदेश से उसकी चित्र प्रदर्शनी देखने हजारों लोग आते थे और उसके काम की प्रशंसा करते नहीं थकते थे। एक बार…

Kahani: सम्बंध

Kahani: एक बेटी ने एक संत से आग्रह किया कि वो हमारे घर आकर उसके बीमार पिता से मिलें, प्रार्थना करें। बेटी ने यह भी बताया कि उसके बुजुर्ग पिता…

Kahani: दुनियां सिर्फ तमाशा देखना पसंद करती है

Kahani: एक बार की बात है एक घर में आग लग गई। घर में से सभी लोगों को निकाला गया। मोहल्ले के कुछ लोग आग बुझाने में लग गए तो…

Kahani: सबसे बड़ा पुण्य

Kahani: एक राजा बहुत बड़ा प्रजापालक था, हमेशा प्रजा के हित में प्रयत्नशील रहता था। वह इतना कर्मठ था कि अपना सुख, ऐशो-आराम सब छोड़कर सारा समय जन-कल्याण में ही…

Kahani: अच्छाई-बुराई की अनोखी कहानी

Kahani: एक बार बुरी आत्माओं ने भगवान से शिकायत की कि उनके साथ इतना बुरा व्यवहार क्यों किया जाता है, जबकी अच्छी आत्माएँ इतने शानदार महल में रहती हैं और…

Kahani: गाय और बकरी का प्रेम

Kahani: विंध्याचल पर्वत के बीच बसे एक गाँव के किसान मंगलू की गाय बहुत बीमार पड़ गयी। उसके दूध की बिक्री करके वह अपने परिवार का पालन करता था। गाँव…

Other Story