Kahani: न तीन में न तेरह में

Kahani: एक नगर सेठ थे, अपनी पदवी के अनुरूप वह अथाह दौलत के स्वामी थे। घर, बंगला, नौकर-चाकर थे। एक चतुर मुनीम भी था जो सारा कारोबार संभालता था। किसी…

Prerak Prasang: सेठ की भक्ति और भूखा बुजुर्ग

Prerak Prasang: एक बुजुर्ग आदमी बुखार से ठिठुरता और भूखा प्यासा शिव मंदिर के बाहर बैठा था। तभी वहां पर नगर के सेठ अपनी सेठानी के साथ एक बहुत ही…

Kahani: लालच का फल

Kahani: एक छोटा सा शहर था। उसी शहर में गणेश मिठाईवाले की एक बड़ी प्रसिद्ध दुकान थी। वह बहुत ही स्वादिष्ट बाल मिठाई बनाया करता था। धीरे-धीरे गणेश मिठाईवाले की…

Kahani: मन का भूत

Kahani: एक आदमी ने एक भूत पकड़ लिया और उसे बेचने शहर गया। संयोगवश उसकी मुलाकात एक सेठ से हुई, सेठ ने उससे पूछा- भाई यह क्या है। उसने जवाब…

Kahani: चार टका

एक गाँव में एक ब्राह्मण सपरिवार रहता था। उसका भानजा उसके साथ रहता था। भानजा एकदम मूर्ख था। कोई काम-धाम नहीं करता। घर में रहकर मामा-मामी की रोटियाँ तोड़ता रहता…

Kahani: शिवभक्त बन गया शिकारी

Kahani: प्राचीन काल में किसी जंगल में गुरुद्रुह नाम का एक शिकारी रहता था। जो जंगली जानवरों का शिकार करता और उससे अपने परिवार का भरण-पोषण करता। एक बार शिवरात्रि…

Kahani: प्रशंसनीय झूठ

Kahani: मम्मी-मम्मी, मैं उस बुढिया के साथ स्कूल नहीं जाउँगा, न ही उसके साथ वापस आउँगा। मेरे दस वर्ष के बेटे ने गुस्से से अपना स्कूल बैग फेंकते हुए कहा…

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