Poetry: कलम और कवि का संवाद

( कलम ) कवि! तेरा क्या बिगड़ा है, तू क्यों इतना हारा है? क्यूँ हर बार विरह का गीत, लिखता, कलम से सारा है? क्यूँ न लिखता प्रेम कहानी, क्यूँ…

Poem: थे गाँव हमारी पाठशाला

थे गाँव हमारी पाठशाला, जिसमें हम पढ़कर बड़े हुए। संस्कृति सभ्यता संस्कार सीख, स्व तंत्र स्वाभिमान ले खड़े हुए।। था सुरम्य हमारा गाँव जहाँ, परिवार भाव घर-घर पलता। छोटे-बड़े समादर…

Poem: जागो! भारत के सब सपूत

जागो! भारत के सब सपूत, सोये तो समय भयंकर है। निर्मूल करो षडयन्त्र सभी, आराध्य तुम्हारे शंकर हैं।। विदेशी षड्यंत्रों से जुड़े तार, विघटन स्वागत को खुले द्वार। अपनों से…

Poetry: क्या सूरज कभी कहीं छुपता है

क्या सूरज कभी कहीं छुपता है, क्या देख चुनौती वो रुकता है। अहर्निश जीवन प्रकाश बांटता, क्या सूरज तेज ताप चुकता है।। वह तो सदा स्वंय की लय में, अपनी…

Poetry: युद्ध विराम

कोशिश करो कि बस बच जाएं, इतनी सी भावनाएं। कि युद्ध की विभीषिका के बीच, जब चल रही हों दनादन गोलियां। तोपों से बरस रही हो आग, खंडहर में तब्दील…

स्वतंत्रता दिवस पर हार्दिक बधाई

स्वतंत्रता का पर्व महान। सबसे प्यारा हिंदुस्तान। है यह राष्ट्रीय त्योहार, सबके मन में खुशी अपार। आजादी के लिए हमारे, कितने वीर हुए बलिदान, वर्मा उनका अभिनंदन कर, करें राष्ट्र…

Poetry: पूनम की अग्नि परीक्षा

छोटे से गाँव की गीली मिट्टी, चाँदी सी मुस्कान लिए, बोली में था मोर नाचता, आँखों में अरमान लिए। नाम था उसका पूनम लाल, माँ की गोदी की रानी थी,…

Poetry: वर्षा-विलासिनी

तन की चुनर भीगती जाए, मन की चूनर डोल उठे, बूँदें जैसे गीत रचें हों, पायल की झनकार बहे। घटा ओढ़कर नाची वह, नयन बंधन तोड़े जब, झरने सी इक…

Poem: देख सजनी! देख ऊपर

देख सजनी! देख ऊपर।। आ रही है मेघमाला।। बम सरीखी गड़गड़ाती,रेल जैसी दड़दड़ाती। इंजनों सी धड़धड़ाती, फुलझड़ी सी तड़तड़ाती।। पल्लवों को खड़बड़ाती,पंछियों को फड़फड़ाती। पड़पड़ाती पापड़ों सी, बोलती है कड़कड़ाती।।…