Pauranik Katha: शृंग ॠषि और भगवान राम की बहन शांता

Pauranik Katha: श्रीराम के माता-पिता, भाइयों के बारे में तो प्रायः सभी जानते हैं, लेकिन बहुत कम लोगों को यह जानकारी है कि राम की एक बहन भी थीं, जिनका…

Pauranik Katha: सोलह पौराणिक पात्र, इनका जन्म माता-पिता के सयोंग के बगैर ही हुआ है!

Pauranik Katha: दुनिया के सबसे अधिक पुराने धर्म, हमारे हिन्दू धर्म ग्रंथों में तमाम ऐसी कथायें वर्णित हैं, जिनमें ऐसा कहा गया है कि इन सभी का जन्म पिता के…

Pauranik Katha: सत्यवादी राजा हरिश्चंद्र

Pauranik Katha: राजा हरिश्चंद्र अयोध्या के प्रसिद्ध सूर्यवंशी राजा थे। जो सत्यव्रत के पुत्र थे। इन्हीं के कुल में भगवान श्री राम का जन्म हुआ और रघुकुल की रीत चली…

Pauranik Katha: अर्जुन को पाशुपतास्त्र की प्राप्ति कैसे हुई

Pauranik Katha: अभिमन्यु वध से व्यथित और क्रोधित अर्जुन ने प्रतिज्ञा की कि ‘मैं कल सूर्यास्त तक अभिमन्यु की मृत्यु में कारण बने जयद्रथ का वध कर डालूँगा, नहीं तो…

Kahani: विकलांग राजा और चित्रकार

Kahani: एक राजा था, जिसकी केवल एक टाँग और एक आँख थी। उस राज्य में सभी लोग खुशहाल थे, क्योंकि राजा बहुत बुद्धिमान और प्रतापी था। एक बार राजा को…

Pauranik Katha: ब्रजमंडल कैसे बसा

Pauranik Katha: यदुवंश में शूरसेन नाम के एक पराक्रमी क्षत्रिय हुए। उनकी पत्नी का नाम मारिषा था। उनके दस पुत्र हुए। वसुदेवजी उनके सबसे श्रेष्ठ पुत्र थे। इनका विवाह देवक…

Pauranik Katha: शकुनि कौन था, जानें क्यों ली थी कौरवों के विनाश की प्रतिज्ञा

Pauranik Katha: गांधार देश के राजा सुबल के 100 पुत्र और एक पुत्री थी। सबसे छोटे पुत्र का नाम शकुनि और पुत्री का नाम गांधारी था। शकुनि की पत्नी का…

Pauranik Katha: कौन थे महर्षि वेद व्यास, जानें उनके जन्म से जुड़ी ये कहानी

Pauranik Katha: हमारे देश में कई बड़े-बड़े ऋषि ने जन्म लिए हैं, जिसमें से वेदव्यास एक बड़े महात्मा ऋषि हैं। इनकी न जाने कितनी सारी बातें आज भी हमारे देश…

Pauranik Katha: सर्वप्रथम किसने, किसको और क्यों बांधी राखी?

Pauranik Katha: पौराणिक शास्त्रों में ऐसा वर्णन है जो 100 अश्वमेध यज्ञ पूर्ण कर लेता है, उसे इंद्र का पद मिल जाता है। दानवीर दैत्यराज बलि के विषय में जानिये…

Kahani: अहंकार सत्य कथा

Kahani: एक नगर में एक जुलाहा रहता था। कपड़े बुनकर बेचा करता था। वह स्वभाव से अत्यंत शांत, विनम्र तथा दयालु था। उसे क्रोध तो कभी आता ही नहीं था।…

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