Pauranik Katha: काल के महाकाल

Pauranik Katha: जो ईश्वर का भक्त होता है, उसका स्वामी ईश्वर होता है। उस पर काल (मृत्यु) का अधिकार नहीं होता। अनधिकार चेष्टा करने से काल की भी मृत्यु हो…

Prerak Prasang: सुदामा होना सरल नहीं है

Prerak Prasang: जैसे ही द्वारकाधीश ने तीसरी मुट्ठी चावल उठा कर फांक लगानी चाही, रुक्मिणी ने जल्दी से उनका हाथ पकड़ कर कहा, क्या भाभी के लाये इन स्वादिष्ट चावलों…

Pauranik Katha: दानवीर महाराज शिवि की कथा

Pauranik Katha: पुरुवंश में जन्मे उशीनर देश के राजा शिवि बड़े ही परोपकारी और धर्मात्मा थे। परम दानवीर राजा शिवि के द्वार से कभी कोई खाली हाथ नहीं जाता था।…

Pauranik Katha: त्रिजटा राक्षसी से साध्वी तक

Pauranik Katha: रामायण का यह एक ऐसा पात्र है जिसकी चर्चा बहुत कम होती है। त्रिजटा को सीताजी ने बड़े प्रेम से मां कहा था। यह सौभाग्य और किसी को…

Prerak Prasang: राम नाम का प्रताप

Prerak Prasang: एक बार महाराज दशरथ राम आदि के साथ गंगा स्नान के लिये जा रहे थे। मार्ग में देवर्षि नारद जी से उनकी भेंट हो गयी। महाराज दशरथ आदि…

Gyan Ki Baat: भाव और सरलता पर रीझते हैं भगवान

Gyan Ki Baat: एक साधु थे उनका न कोई आश्रम, न धर्मशाला और न कोई ठिकाना था। जहाँ रात होती वहीं ठहर जाते और भिक्षा से जो मिलता उससे भगवान…

Pauranik Katha: राजा इल जिन्हें स्त्री के साथ बनना पड़ा था किन्नर

Pauranik Katha: जब लक्ष्मण ने अश्वमेघ यज्ञ के विशेष आग्रह किया तो श्री रामचन्द्र अत्यन्त प्रसन्न हुये और बोले- हे सौम्य! इस विषय में मैं तुम्हें राजा इल की कथा…

Gyan Ki Baat: भारत के प्रसिद्ध ग्यारह संत और उनके चमत्कार

Gyan Ki Baat: बचपन से आप सुनते आये होंगे कि जब-जब धरती पर अत्याचार बढ़ा, तब-तब भगवान ने किसी न किसी रूप में जन्म लिया और बुराइयों का अंत किया।…

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