Poem: गांव की समस्या, गांव में समाधान

कइसन ई शासन है, कइसन विधान है? समस्या है गांव में, नहीं समाधान है। झूठ बोल रहा अब तो सारा जहान है! पागल अब चोर दिखे, चोरी अब शान है!…

Poem: सुकून गाँव में है

सुकून गाँव में है, पेड़ों के छाँव में है। शहर के लोग तो, टेंशन, तनाव में हैं। स्वतंत्र हैं लोग यहाँ, न किसी प्रभाव में हैं। द्वेष में कुछ न…

Kavita: मेरे गाँव! जा रहा हूँ दूर-दिसावर

मेरे गाँव! जा रहा हूँ दूर-दिसावर छाले से उपने थोथे धान की तरह तेरी गोद में सिर रख नहीं रोऊँगा जैसे नहीं रोए थे दादा दादी के गहने गिरवी रखते…