Kavita: विश्व गुरु य़ह भारत वर्ष

बाहों में बल, पैरों में गति, संकल्प अटूट हृदय में हो। धैर्य विवेक लगन के स्वामी, अपनत्व भाव अन्तर में हो।। दुष्ट दलन सामर्थ्य तुम्हारी, दृष्टि से पराभूत भयकारी। हित…

Other Story