Kahani: सोया भाग्य

Kahani: एक व्यक्ति जीवन से हर प्रकार से निराश था। लोग उसे मनहूस के नाम से बुलाते थे। एक ज्ञानी पंडित ने उसे बताया कि तेरा भाग्य फलां पर्वत पर…

Pauranik Katha: काल के महाकाल

Pauranik Katha: जो ईश्वर का भक्त होता है, उसका स्वामी ईश्वर होता है। उस पर काल (मृत्यु) का अधिकार नहीं होता। अनधिकार चेष्टा करने से काल की भी मृत्यु हो…

Pauranik Katha: कर्म में अकर्म कैसे, जानें विश्वामित्र और वशिष्ठ की कहानी

Pauranik Katha: वैदिककाल की बात है। सप्त ऋषियों में से एक ऋषि हुए है महर्षि वशिष्ठ। महर्षि वशिष्ठ राजा दशरथ के कुलगुरु और श्रीराम के आचार्य थे। उन दिनों महर्षि…

Pauranik Katha: मर्यादा और संयम की प्रतीक माँ सीता

Pauranik Katha: रावण ने जब माँ सीता जी का हरण करके लंका ले गया तब लंका मे सीताजी वट वृक्ष के नीचे बैठ कर चिंतन करने लगी। रावण बार-बार आकर…

kahani: मुक्ति

kahani: एक दिन एक राजा ने राजपंडित को बुलाया और उसे बहुत सख्ती से आदेश दिया कि राजा परीक्षित ने सुखदेव से भगवत गीता सुनकर मोक्ष प्राप्त किया था। उन्हें…

Kahani: ऊँची उड़ान

Kahani: गिद्धों का एक झुण्ड खाने की तलाश में भटक रहा था। उड़ते-उड़ते वह एक टापू पर पहुँच गए। वह जगह उनके लिए स्वर्ग के समान थी। हर तरफ खाने…

Pauranik Katha: क्षीरसागर का कछुवा कैसे बना गंगा घाट का केवट

Pauranik Katha: क्षीरसागर में भगवान विष्णु शेष शैया पर विश्राम कर रहे हैं और लक्ष्मीजी उनके पैर दबा रही हैं। विष्णुजी के एक पैर का अंगूठा शैया के बाहर आ…

Prerak Prasang: एक ही घड़ी मुहूर्त में जन्म लेने पर भी सबके कर्म और भाग्य क्यों होते हैं अलग-अलग

Prerak Prasang: एक बार एक राजा ने विद्वान ज्योतिषियों की सभा बुलाकर प्रश्न किया कि मेरी जन्म पत्रिका के अनुसार मेरा राजा बनने का योग था, मैं राजा बना, किन्तु…

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