Kahani: कर्म भोग
अवश्यमेव भोक्तव्यं, कृतं कर्म शुभाशुभम्। Kahani: गीता में भगवान श्रीकृष्ण ने कहा है कि प्रत्येक जीव को अपने किये हुए अच्छे एवं बुरे कर्मों के फल को भोगना पड़ता है।…
अवश्यमेव भोक्तव्यं, कृतं कर्म शुभाशुभम्। Kahani: गीता में भगवान श्रीकृष्ण ने कहा है कि प्रत्येक जीव को अपने किये हुए अच्छे एवं बुरे कर्मों के फल को भोगना पड़ता है।…
Kahani: एक गांव में धर्मदास नामक एक व्यक्ति रहता था। बातें तो बड़ी ही अच्छी- अच्छी करता था पर था एकदम कंजूस। कंजूस भी ऐसा वैसा नहीं बिल्कुल मक्खीचूस। चाय…
Heart Touching Story: बाहर फेरीवाला आया हुआ था, कई तरह का सामान लेकर। बिंदिया, काँच की चूड़ियाँ, रबर बैण्ड, हेयर बैण्ड, कंघी, काँच के और भी बहुत सारे सामान थे।…
Kahani: एक सेठ ने अन्नसत्र खोल रखा था। उनमें दान की भावना तो कम थी पर समाज उन्हें दानवीर समझकर उनकी प्रशंसा करे यह भावना मुख्य थी। उनके प्रशंसक भी…
Pauranik Katha: महाराज सत्राजित का भगवान भास्कर में स्वाभाविक अनुराग था। उनके नेत्र कमल तो केवल दिन में भगवान सूर्य पर टकटकी लगाये रहते हैं, किंतु सत्राजित की मनरूपी आंखें…
Kahani: एक माँ थी उसका एक बेटा था। माँ-बेटे बड़े गरीब थे। एक दिन माँ ने बेटे से कहा– बेटा! यहाँ से बहुत दूर तपोवन में एक दिगम्बर मुनि पधारे…
Kahani: इस प्रेम कहानी के पात्र हैं मनीष और सिल्फ़। वो एक-दूसरे को सोशल मीडिया पर फ़ॉलो किया करते थे, लेकिन ज़्यादा जानते नहीं थे। यहाँ तक कि दोनों एक-दूसरे…
– आदित्य रहबर Kahani: मैं कुछ भी पूरा नहीं बन पाया। कभी न साथ छोड़ने वाला अधूरापन मेरा सबसे अच्छा साथी बना। मैं उस अधूरेपन का भी पूरा साथ दे…
Kahani: यह एक मनोवैज्ञानिक सत्य है कि जैसा भाव हमारे मन में होता है वैसा ही भाव सामने वाले के मन में आता है। इस सबंध में एक ऐतिहासिक घटना…
Kahani: एक प्यासा आदमी एक कुएं के पास गया, जहां एक जवान औरत पानी भर रही थी। उस आदमी ने औरत से थोड़ा पानी पिलाने के लिए कहा, खुशी से…