Pauranik Katha: धृतराष्ट्र, पाण्डु और विदुर के जन्म की कथा

Pauranik Katha: हस्तिनापुर नरेश शान्तनु और रानी सत्यवती के चित्रांगद और विचित्रवीर्य नामक दो पुत्र हुए। शान्तनु का स्वर्गवास चित्रांगद और विचित्रवीर्य के बाल्यकाल में ही हो गया था इसलिये…

Gyaan Ki Baat: सुबह उठ कर भूमि-वंदन क्यों करना चाहिए

Gyaan Ki Baat: शास्त्रों में मनुष्य को प्रात:काल उठने के बाद धरती माता की वंदना करके ही भूमि पर पैर रखने का विधान किया गया है। पहले दायें पैर को…

Kahani: सबसे बड़ा पुण्य

Kahani: एक राजा बहुत बड़ा प्रजापालक था, हमेशा प्रजा के हित में प्रयत्नशील रहता था। वह इतना कर्मठ था कि अपना सुख, ऐशो-आराम सब छोड़कर सारा समय जन-कल्याण में ही…

Kahani: अच्छाई-बुराई की अनोखी कहानी

Kahani: एक बार बुरी आत्माओं ने भगवान से शिकायत की कि उनके साथ इतना बुरा व्यवहार क्यों किया जाता है, जबकी अच्छी आत्माएँ इतने शानदार महल में रहती हैं और…

Kahani: गाय और बकरी का प्रेम

Kahani: विंध्याचल पर्वत के बीच बसे एक गाँव के किसान मंगलू की गाय बहुत बीमार पड़ गयी। उसके दूध की बिक्री करके वह अपने परिवार का पालन करता था। गाँव…

Kahani: दुःख में किसी का साथ मत छोड़ना

Kahani: एक बार एक शिकारी शिकार करने के लिए जंगल में पहुंचा। उसने अपने तीर पर बहुत ही खतरनाक जहर लगाया और शिकार को निशाना बना करके उसने तीर को…

Kahani: कार्तिक मास स्नान का जानें महत्व

Kahani: एक समय की बात है किसी नगर में एक बूढ़ा व्यक्ति रहता था, उसकी सात बहुएँ थी। एक बार कार्तिक का महीना आया और उसने अपनी बहुओं से कहा…

Kahani: शादी की वर्षगांठ

Kahani: शादी की वर्षगांठ की पूर्व-संध्या पर पति-पत्नी साथ में बैठे चाय की चुस्कियां ले रहे थे। संसार की दृष्टि में वो एक आदर्श युगल था। प्रेम भी बहुत था…

Kahani: पिता-पुत्र की सोच का अंतर

Kahani: एक बार एक पिता और उसका पुत्र जलमार्ग से कहीं यात्रा कर रहे थे तभी अचानक दोनों मार्ग से भटक गये। फिर उनकी नौका भी उन्हें ऐसे स्थान पर…

Prerak Prasang: रंगजी की अलौकिक सुंदरता

Prerak Prasang: महापुरुषों की दृष्टि पड़ते ही क्षण भर में जीवन सुंदर हो सकता है। दक्षिण में एक भक्त हुए उनका नाम धनुदास था। प्रारम्भ में वे हेम्मबा नाम की…

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