Poem: समझ कर चलो तुम

समझ कर चलो तुम, सम्हल कर चलो तुम। भारत को भारत बनाना तुम्हें है।। ह्रदय से ह्रदय सब मिलें एक रस हो। ह्रदय से ह्रदय को मिलाना तुम्हें है।। इतिहास…

Poetry: प्रकृति हमें देती है सब कुछ

प्रकृति हमें देती है सब कुछ हम भी तो कुछ देना सीखें। सूरज हमें रोशनी देता हवा नया जीवन देती है। भूख मिटाने को हम सबकी धरती पर होती खेती…

Poetry: हम सब परिवार एक

हम सब परिवार एक यह भाव जगाना है। अपने-अपने कर्तव्य मार्ग पर आगे बढते जाना है।। व्यक्ति-व्यक्ति में गुण अनेक व्यक्तित्व बढाना है। सोई शक्ति भस्म आप्लावित वह ऊपर लाना…

Poem: कीमत बड़ी चुकाई जरा से उधार की

कीमत बड़ी चुकाई जरा से उधार की, नथनी के बदले नथ पे नजर थी सुनार की। अब क्या मिसाल दीजिए किस्मत की मार की, घर में कुँआरी रह गई बेटी…

Poem: लड़कों को खोजने के लिए

उदास लड़कों को खोजने के लिए कोई मोहनजोदाड़ो जैसी खुदाई नहीं करनी पड़ती। दिख जाएंगे कहीं भी, कभी भी उदास न दिखने की कोशिश करते हुए। मेट्रो या ऑटो की…

Poem: मन्दिर एक बनाओ मिलकर

मन्दिर एक बनाओ मिलकर, जो होवे सबका हितकारी। श्रम साधना परिश्रम सबका, जुटें सभी ज्यों हों परिवारी।। एक जलाशय को जीवन दो, वर्षा जल बहकर उसमें आये। भूजल का स्तर…

Poem: जागो! भारत के सब सपूत

जागो! भारत के सब सपूत, सोये तो समय भयंकर है। निर्मूल करो षडयन्त्र सभी, आराध्य तुम्हारे शंकर हैं।। विदेशी षड्यंत्रों से जुड़े तार, विघटन स्वागत को खुले द्वार। अपनों से…

Poetry: क्या सूरज कभी कहीं छुपता है

क्या सूरज कभी कहीं छुपता है, क्या देख चुनौती वो रुकता है। अहर्निश जीवन प्रकाश बांटता, क्या सूरज तेज ताप चुकता है।। वह तो सदा स्वंय की लय में, अपनी…

Poetry: युद्ध विराम

कोशिश करो कि बस बच जाएं, इतनी सी भावनाएं। कि युद्ध की विभीषिका के बीच, जब चल रही हों दनादन गोलियां। तोपों से बरस रही हो आग, खंडहर में तब्दील…

Poetry: युद्ध विराम

कोशिश करो कि बस बच जाएं इतनी सी भावनाएं कि युद्ध की विभीषिका के बीच जब चल रही हों दनादन गोलियां तोपों से बरस रही हो आग खंडहर में तब्दील…