Kahani: तभी तो

Kahani: एक साधु बाबा विचरण करते हुए एक नगरी में आ पहुंचे। उन्होंने देखा की यहां की प्रजा बहुत संपन्न और खुशहाल है और अपने राजा का बहुत सम्मान करती…

Kahani: सोया भाग्य

Kahani: एक व्यक्ति जीवन से हर प्रकार से निराश था। लोग उसे मनहूस के नाम से बुलाते थे। एक ज्ञानी पंडित ने उसे बताया कि तेरा भाग्य फलां पर्वत पर…

Kahani: सच्ची खुशी ईमानदारी और मेहनत में

Kahani: एक कसाई के घर एक बकरा और एक कुत्ता था। कसाई बकरे को हर दिन हरी-हरी घास खिलाता, साफ-सुथरी जगह पर रखता और उसकी देखभाल करता। अब बकरा देखो…

Kahani: प्रशंसनीय झूठ

Kahani: मम्मी-मम्मी, मैं उस बुढिया के साथ स्कूल नहीं जाउँगा, न ही उसके साथ वापस आउँगा। मेरे दस वर्ष के बेटे ने गुस्से से अपना स्कूल बैग फेंकते हुए कहा…

Kahani: व्यर्थ की चिंता

Kahani: एक व्यक्ति बहुत दिनों से तनावग्रस्त चल रहा था, जिसके कारण वह काफी चिड़चिड़ा तथा क्रोध में रहने लगा था। वह सदैव इस बात से परेशान रहता था कि…

Prerak Prasang: परिश्रम रूपी धन

Prerak Prasang: सुन्दरपुर गांव में एक किसान रहता था। उसके चार बेटे थे। वे सभी आलसी और निक्कमे थे। जब किसान बुढ़ा हुआ तो उसे बेटों की चिंता सताने लगी।…