Kavita: सच्चा समाजवाद

सच्चा समाजवाद एक अंधा, एक लंगड़ा, दोनों ने एक-दूसरे को पकड़ा। दोनों साथ-साथ चलने लगे, एक-दूसरे पर मरने लगे। बातों के बताशे फोड़ने लगे, राष्ट्रवाद का गला मरोड़ने लगे। उनमें…

Kavita: आ लौट चलें

एक दिन नाचते-नाचते पता लगा यह जो यहां आता है, कुछ सकुचाता, कुछ घबराता है, वह राजकुमार है, लुटेरे वंश की गद्दी का अकेला हकदार है। दिमाग खिल उठा, दिल…

उस रात ताजमहल सुनहरा हो जाता है

पहले ऐतिहासिक नगर आगरा में ताजमहल का दीदार उतना ही आसान हुआ करता था, जितना उस समय लखनऊ में मुख्यमंत्री से भेंट करना। दोनों जगह कोई बंधन नहीं होता था।…

Kumbh: प्रयागराज का वह ‘काला’ कुम्भ!

Kumbh: देश की आजादी के बाद प्रयागराज (इलाहाबाद) में जितने भी महाकुम्भ एवं कुम्भ हुए, उनमें वर्ष 1995 का कुम्भ बड़ी ही विपरीत परिस्थितियों में सम्पन्न हुआ था। जनवरी, 1995…

Kavita: ओ गॉड!

गॉड ये कैसा खेल हो गया, पप्पू फिर से फेल हो गया। खूब सिखाया, खूब पढ़ाया, तोते-जैसा उसे रटाया। इधर भेजकर, उधर भेजकर, जगह-जगह नाटक करवाया। फिर भी क्यों बेमेल…

Yogi Adityanath: योगी पूरे देश के ‘हिंदू हृदयसम्राट’

Yogi Adityanath: जिस प्रकार प्रधानमंत्री के रूप में नरेंद्र मोदी ने देश का कायाकल्प किया है और भारत को एक कमजोर एवं डरपोक देश से बदलकर शक्तिशाली देश बना दिया…

Lokageet: कुसुम रंग

कुसुम रंग चुनरी रंगा दे पियवा हे। लहंगा मंगा दे पिया, ओढ़नी मंगा दे, आरीआरी गोटवा चढ़ा दे पियवा हे। कुसुम रंग••• लहंगा ले अइबों लाल, ओढ़नी रंगइबों धानी, अंगियौ…

खजुराहो अब बहुत बदल गया

गत 23 अगस्त को दिन में जब मैंने वाहन से खजुराहो (Khajuraho) के लिए प्रस्थान किया तो दशकों पुरानी स्मृतियां ताजी हो गईं। तब मैं अपने गृहनगर इलाहाबाद (अब प्रयागराज)…

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