नरेंद्र मोदी से इतनी नफरत क्यों करता है पश्चिमी मीडिया?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) के अपने दोनों कार्यकालों में पश्चिमी नेताओं के साथ अब तक के सबसे अच्छे संबंध रहे हैं। लेकिन पश्चिमी मीडिया के साथ ऐसा नहीं है,…

आर्टिफिशल इंटेलिजेंस और मीडिया के उलझे रिश्ते

“माननीय प्रधानमंत्री जी हम आभारी हैं कि आप हमारे बीच आए। मेरी ऑन दी जॉब लर्निंग अब शुरू हो गई है और 2024 तक मैं देश की सबसे अच्छी जर्नलिस्ट…

‘सरस्वती प्रज्ञा सम्मान’ से अलंकृत किए गए प्रो. संजय द्विवेदी

भोपाल: प्रख्यात मीडिया शिक्षक और लेखक प्रो. संजय द्विवेदी को ‘सरस्वती प्रज्ञा सम्मान -2024’ से सम्मानित किया गया है। उन्हें यह सम्मान भोपाल स्थित गांधी भवन में निर्दलीय प्रकाशन, जन…

नफरतों, कड़वाहटों और संवादहीनता का समय!

भारतीय संसद अपनी गौरवशाली परंपराओं, विमर्शों और संवाद के लिए जानी जाती है। प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने लोकतांत्रिक बहसों को प्रोत्साहित किया और अपने प्रतिपक्ष के नेताओं डा.…

Om Birla: सोने जैसे दिल वाला सामाजिक कार्यकर्ता कैसे बना राष्ट्रीय राजनीति का सितारा

Om Birla: ओम बिरला में ऐसा क्या है जो उन्हें लगातार दूसरी बार लोकसभा के अध्यक्ष जैसी बड़ी जिम्मेदारी पर पहुंचाता है। अपने कोटा शहर में जरूरतमंद लोगों को कपड़े,…

भारतबोध के प्रखर प्रवक्ता थे गणेशशंकर विद्यार्थी: प्रो. संजय द्विवेदी

Prayagraj: “हिंदी पत्रकारिता में गणेशशंकर विद्यार्थी भारतबोध के प्रखर प्रवक्ता की तरह सामने आते हैं। उनकी पत्रकारिता का सूत्र है राष्ट्र प्रथम। इन्हीं मूल्यों के लिए उन्होंने अपना जीवन भी…

Hindu Samrajya Diwas: सुशासन, समरसता और सामाजिक न्याय से जीता जनविश्वास

Hindu Samrajya Diwas: शिवाजी का नाम आते ही शौर्य और साहस की प्रतिमूर्ति का एहसास होता है। अपने सपनों को सच करके उन्होंने खुद को न्यायपूर्ण प्रशासक रूप में स्थापित…

Pt. Madhavrao Sapre: हिंदी नवजागरण के अग्रदूत का जरूरी है स्मरण

पंडित माधवराव सप्रे, हिंदी पत्रकारिता और साहित्य में लगभग भुला दिए गए महानायक हैं। भारतबोध और भारतीयता के सबसे प्रखर प्रवक्ता स्प्रे हमारे स्व को जगाने वाले लेखक हैं। हिंदी…

यह क्रियेटिविटी और आइडियाज का समय: प्रो. द्विवेदी

भोपाल: “किसी भी इंसान को छोटी-छोटी समस्याओं पर नजर रखनी चाहिए। उनका हल सोचना चाहिए। बड़े और सफल आइडियाज इन्हीं से निकलते हैं।” यह विचार भारतीय जन संचार संस्थान (आईआईएमसी)के…

‘इंडिया’ की आंखों से भारत को मत देखिए!

आजकल राष्ट्रीयता, भारतीयता, राष्ट्रत्व और राष्ट्रवाद जैसे शब्द चर्चा और बहस के केंद्र में है। ऐसे में यह जरूरी है कि हम भारतीयता पर एक नई दृष्टि से सोचें और…

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