आत्मीयता से ओत-प्रोत स्मृतियां
प्रो. संजय द्विवेदी की उदार लोकतांत्रिक चेतना का प्रमाण उनकी सद्यः प्रकाशित पुस्तक ‘न हन्यते’ है। ‘न हन्यते’ पुस्तक में दिवंगत हुए परिचितों, महापुरुषों के प्रति आत्मीयता से ओत-प्रोत संस्मरण…
प्रो. संजय द्विवेदी की उदार लोकतांत्रिक चेतना का प्रमाण उनकी सद्यः प्रकाशित पुस्तक ‘न हन्यते’ है। ‘न हन्यते’ पुस्तक में दिवंगत हुए परिचितों, महापुरुषों के प्रति आत्मीयता से ओत-प्रोत संस्मरण…
लखनऊ: हमारे शिक्षक ही ‘नए भारत’ की नई पीढ़ी बनाने का कार्य कर रहे हैं, जो देश के लिए एक ताकत के रूप में उभर कर सामने आएगी। शिक्षक अपने…
लखनऊ: आज हमें जरूरत है उन बाल बलिदानियों को याद करने की, जिन्हें आजादी के 75 वर्ष बाद हम भूल गए हैं। इसके साथ ही उन लाखों वीर पुरुषों को…
यह डिजीटल समय है,जहां सूचनाएं, संवेदनाएं, सपने-आकांक्षाएं, जिंदगी और यहां तक कि कक्षाएं भी डिजीटल हैं। इस कठिन कोरोना काल ने भारत को असल में डिजीटल इंडिया बना दिया है।…