Kavita: नदी की पुकार

नदी पुकार रही है हमको, मिल कर मुझे बचाओ। अविरल निर्मल सदा बहूं, य़ह सब को समझाओ।। मैं बची बचोगे तुम भी, य़ह सम्भावित सत्य है। तुम से है सम्बन्ध…

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