Poem: जग के नाथ जगन्नाथ
नीलांचल पर्वत पर शोभित, एक नगर है शांत बड़ा, जहाँ भक्तगण भीड़ लगाए, करुण भाव में नयन भरा। पुरी नगरी पूज्य सदैव, तीर्थों में उत्तम सम्मान, जहाँ स्वयं भगवान रचाते,…
नीलांचल पर्वत पर शोभित, एक नगर है शांत बड़ा, जहाँ भक्तगण भीड़ लगाए, करुण भाव में नयन भरा। पुरी नगरी पूज्य सदैव, तीर्थों में उत्तम सम्मान, जहाँ स्वयं भगवान रचाते,…
Kahani: गांव के बीच शिव मन्दिर में एक संन्यासी रहा करते थे। मंदिर के ठीक सामने ही एक वेश्या का मकान था। वेश्या के यहाँ रात-दिन लोग आते-जाते रहते थे।…
Prerak Prasang: एक बार तुलसीदास महाराज को किसी ने बताया कि जगन्नाथ मैं तो साक्षात भगवान ही दर्शन देते हैं। बस फिर क्या था सुनकर तुलसीदास महाराज तो बहुत ही…