Prerak Prasang: संगति, परिवेश और भाव

Prerak Prasang: एक राजा अपनी प्रजा का भरपूर ख्याल रखता था। उसके राज्य में अचानक से चोरी की शिकायतें बहुत आने लगीं। कोशिश करने से भी चोर पकड़ा नहीं गया।…

Prerak Prasang: शूली को शूल में बदल देता है कर्म

Prerak Prasang: एक बार लक्ष्मी और नारायण धरा (पृथ्वी) पर घूमने आए। कुछ समय घूम कर वो विश्राम के लिए एक बगीचे में जाकर बैठ गए। नारायण आंख बंद कर…

Kahani: पिता का आशीर्वाद

Kahani: जब मृत्यु का समय निकट आया तो पिता ने अपने एकमात्र पुत्र धर्मपाल को बुलाकर कहा कि बेटा मेरे पास धन-संपत्ति नहीं है कि मैं तुम्हें विरासत में दूं।…

kahani: राम नाम की महिमा

kahani: एक बार एक गांव में बहुत से महात्मा आकर रूद्राभिषेक कर रहे थे और वट वृक्षों के पत्तों पर चंदन से श्रीराम का नाम लिखकर शिवजी को चढ़ा रहे…

Kahani: संगठन का महत्व

Kahani: एक व्यक्ति था जो सदैव अपने संगठन (ग्रुप) में सक्रिय रहता था। उसको सभी जानते थे, बड़ा मान सम्मान मिलता था। अचानक किसी कारण वश वह निष्क्रिय रहने लगा,…

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