Poem: पितृ पक्ष संस्कार

पितृ पक्ष है चल रहा, पूर्वज स्मृति का काल। नव पीढ़ी को संस्कार दें, हो संस्कृति का ऊंचा भाल।। हो संस्कृति का ऊंचा भाल, परंपराओं में संस्कार भरें। हैं मातु…

Poem: जागो! भारत के सब सपूत

जागो! भारत के सब सपूत, सोये तो समय भयंकर है। निर्मूल करो षडयन्त्र सभी, आराध्य तुम्हारे शंकर हैं।। विदेशी षड्यंत्रों से जुड़े तार, विघटन स्वागत को खुले द्वार। अपनों से…