Poetry: हम सब परिवार एक

हम सब परिवार एक यह भाव जगाना है। अपने-अपने कर्तव्य मार्ग पर आगे बढते जाना है।। व्यक्ति-व्यक्ति में गुण अनेक व्यक्तित्व बढाना है। सोई शक्ति भस्म आप्लावित वह ऊपर लाना…

Poem: पितृ पक्ष संस्कार

पितृ पक्ष है चल रहा, पूर्वज स्मृति का काल। नव पीढ़ी को संस्कार दें, हो संस्कृति का ऊंचा भाल।। हो संस्कृति का ऊंचा भाल, परंपराओं में संस्कार भरें। हैं मातु…

Poem: जागो! भारत के सब सपूत

जागो! भारत के सब सपूत, सोये तो समय भयंकर है। निर्मूल करो षडयन्त्र सभी, आराध्य तुम्हारे शंकर हैं।। विदेशी षड्यंत्रों से जुड़े तार, विघटन स्वागत को खुले द्वार। अपनों से…

Kavita: लें राणा का संकल्प

जिसके जीवन में राष्ट्र प्रथम, जिसके उर में था पला ताप। क्षण-क्षण राष्ट्र समर्पित था जो, रण बांकुरा अमर राणा प्रताप।। सब सुविधाएं त्याग जो बढ़ा, झुका न टूटा कभी…

Other Story