Book Review: राष्ट्रवाद के पुनर्जागरण का युग इतिहास

Book Review: ब्रिटिशकालीन भारत में राष्ट्रवाद और खासतौर पर हिंदुत्व का पुनर्जागरण कोई सामान्य घटना नहीं हो सकती। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना और विशेष रूप से उत्तर प्रदेश में…

Book review: आधुनिक परिवेश में नई शब्द व्याख्या और संपादन कर डॉ अजय मणि ने रचा इतिहास

Book review: यह कितना सुखद होगा जब श्रुति, स्मृति, उपनिषद और पुराणों में प्रयुक्त संस्कृत शब्दों की सरल हिंदी व्याख्या सामने आ जाय। यह निश्चय ही संस्कृत भाषा से भी…

‘मीडिया को जो लोग चला रहे हैं, वे दरअसल मीडिया के लोग नहीं हैं’

संत समीर आजकल आमतौर पर जिस तरह के साक्षात्कार हमें पढ़ने को मिलते हैं, यदि उनके भीतर की परतों को पहचानने की कोशिश करें तो कम ही साक्षात्कार मिलेंगे जो…

पत्रकारिता से साहित्य में चली आई ‘न हन्यते’

आचार्य संजय द्विवेदी की नई किताब ‘न हन्यते’ को खोलने से पहले मन पर एक छाप थी कि पत्रकारिता के आचार्य की पुस्तक है और दिवंगत प्रख्यातों के नाम लिखे…

आत्मीयता से ओत-प्रोत स्मृतियां

प्रो. संजय द्विवेदी की उदार लोकतांत्रिक चेतना का प्रमाण उनकी सद्यः प्रकाशित पुस्तक ‘न हन्यते’ है। ‘न हन्यते’ पुस्तक में दिवंगत हुए परिचितों, महापुरुषों के प्रति आत्मीयता से ओत-प्रोत संस्मरण…

पुस्तक-चर्चा: ‘एक भारतप्रेमी छात्र आंदोलन का दस्तावेज’

किसी भी राष्ट्र के निर्माण में उसकी छात्र- युवा शक्ति का बहुत बड़ा योगदान होता है। बदलाव और परिर्वतन की कथाएं युवा शक्ति ही संभव करती है। आजादी के आंदोलन…

समकालीन भारत को समझने की कुंजी

प्रो. कृपाशंकर चौबे जनसंचार के गंभीर अध्येता प्रो. संजय द्विवेदी की नई पुस्तक ‘भारतबोध का नया समय’ का पहला ही निबंध इसी शीर्षक से है। भारतबोध की समझ को स्पष्ट…

नए युगबोध का दस्तावेज

प्रोफेसर संजय द्विवेदी भारतीय पत्रकारिता के प्रतिष्ठित आचार्य हैं। उनकी नई पुस्तक ‘भारतबोध का नया समय’ के पहले आलेख में (जो कि पुस्तक का शीर्षक भी है) मीडिया आचार्य संजय…

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