शहीद नहीं, अब बलिदानी कहिए

रोजमर्रा की ज़िंदगी में, शब्दों का चयन बहुत सावधानी से किया जाना चाहिए, अन्यथा अर्थ का अनर्थ बनते देर नहीं लगती। एक बार यदि किसी सन्दर्भ में कोई गलत शब्द…

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