भारत में मातृभाषाओं का संकट: चुनौतियां और समाधान

भाषा का संबंध इतिहास, संस्कृति और परंपराओं से है। भारतीय भाषाओं में अंतर-संवाद की परंपरा बहुत पुरानी है और ऐसा सैकड़ों वर्षों से होता आ रहा है। यह उस दौर…

अतुल्य नेतृत्व में विकास के पथ पर भारत

किसी भी राष्ट्र की सुख-समृद्धि का पता इस बात से चलता है कि वहां की प्रजा कितनी सुखी है और आर्थिक, सामाजिक और वैचारिक रूप से कितनी विकसित हुई है।…

अमृतकाल में राजभाषा हिंदी को मिलेंगी नई राहें..!

किसी भी लोकतांत्रिक देश में जनता और सरकार के मध्य जन-जन की भाषा ही संपर्क भाषा के रूप में सार्थक भूमिका अदा कर सकती है। हिंदी, भारतीय संस्कृति के मूल…

पं. विष्णु प्रसाद चतुर्वेदी साहित्य अलंकरण से सम्मानित किए गए प्रो.संजय द्विवेदी

भोपाल: भारतीय जन संचार संस्थान (IIMC) के पूर्व महानिदेशक प्रो.संजय द्विवेदी को पाली (राजस्थान) में आयोजित समारोह में पं.विष्णु प्रसाद चतुर्वेदी स्मृति साहित्य (Pt. Vishnu Prasad Chaturvedi Literary Award) अलंकरण…

‘सकारात्मक मीडिया’ से होगा ‘सुंदर दुनिया’ का निर्माण: प्रो. संजय द्विवेदी

आबूरोड: भारतीय जन संचार संस्थान (IIMC) के पूर्व महानिदेशक प्रो. संजय द्विवेदी ने कहा है कि ‘स्वर्णिम विश्व’ के निर्माण में ‘सकारात्मक मीडिया’ की महत्वपूर्ण भूमिका है। उन्होंने कहा कि…

प्रथम विष्णुप्रसाद चतुर्वेदी साहित्य अलंकरण से सम्मानित होंगे प्रो. संजय द्विवेदी

भोपाल: भारतीय जन संचार संस्थान (IIMC) के पूर्व महानिदेशक प्रो. संजय द्विवेदी को विष्णु प्रसाद चतुर्वेदी स्मृति साहित्य अलंकरण से सम्मानित किया जाएगा। कार्यक्रम का आयोजन पाली (राजस्थान) में 10…

भविष्य की राह दिखाती ‘भारतबोध का नया समय’

भारत स्वाधीनता के 75 बसंत पार कर चुका है, जिसमें उसने ग्रीष्म की तपिश के साथ शीत के पाले को भी झेला है। अभी भारत आंतरिक चुनौतियों के साथ-साथ चीन…

फेक न्यूज से बचाव के लिए जरूरी है ‘मीडिया साक्षरता’: प्रो. द्विवेदी

नई दिल्ली: भारतीय जन संचार संस्थान के पूर्व महानिदेशक प्रो. (डॉ.) संजय द्विवेदी ने राम जानकी संस्थान, दिल्ली द्वारा आयोजित दो दिवसीय पत्रकारिता कार्यशाला का शुभारंभ करते हुए कहा कि…

हिंदी साहित्य के मौन साधक

हिंदी का एक मौन साधक, महर्षि, मनीषी, जिसके आगे हर हिंदी प्रेमी नतमस्तक है, जिसके कर्म से हिंदी भाषा समृद्ध बनी, ऐसे सजग हिंदीचेता, यशस्वी लेखक, रचनाकार एवं समन्वयवादी-जुनूनी व्यक्तित्व…

एक पत्रकार त्रिलोक दीप जैसा

ये ऊपर वाले की रहमत ही थी कि त्रिलोक दीप सर का मेरी जिंदगी में आना हुआ। दिल्ली न आता तो शायद इस बहुत खास आदमी से मेरी मुलाकातें न…

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