Kahani: अहंकारी कौआ

Kahani: समुद्र तट के किसी नगर में एक धनवान वैश्य के पुत्रों ने कौआ पाल रखा था। वह उस कोए को बार-बार अपने भोजन से बचे अन्न देते थे। उनकी…

Kahani: पाप और पुण्य

Kahani: गाँव के बीच शिव मन्दिर में एक संन्यासी रहा करते थे। मंदिर के ठीक सामने ही एक वेश्या का मकान था। वेश्या के यहाँ रात−दिन लोग आते−जाते रहते थे।…

Kahani: माँ

Kahani: मां वो विधवा थी पर श्रृंगार ऐसा कर के रखती थी कि पूछो मत। बिंदी के सिवाय सब कुछ लगाती थी। पूरी कॉलोनी में उनके चर्चे थे। उनका एक…

Kahani: किसे होती है प्रभु की प्राप्ति

Kahani: एक राजा था। वह बहुत न्याय प्रिय तथा प्रजा वत्सल एवं धार्मिक स्वभाव का था। वह नित्य अपने ठाकुर जी की बड़ी श्रद्धा से पूजा-पाठ और याद करता था।…

Kahani: दो दोस्त

Kahani: एक बार दो दोस्त एक बड़ा रेगिस्तान पार कर रहे थे। रास्ते में चलते-चलते उनका किसी बात को लेकर झगड़ा हो गया और एक दोस्त ने गुस्से में आकर…

Kahani: मौन

त्रिलोक सिंह ठकुरेला Kahani: रघुराज सिंह बहुत खुश थे। उनके लड़के से अपनी लड़की का रिश्ता करने की इच्छा से अजमेर से एक संपन्न एवं सुसंस्कृत परिवार आया था। रघुराज…

Pauranik Katha: श्रीकृष्ण ने राजा मोरध्वज के सामने तोड़ा अर्जुन का घमंड

Pauranik Katha: महाभारत युद्ध की समाप्ति के बाद अर्जुन को अभिमान हो गया कि वो श्रीकृष्ण के सर्वश्रेष्ठ भक्त है, अर्जुन सोचते थे कि कन्हैया ने मेरा रथ चलाया, मेरे…

Kahani: मजदूर ने सेठ को दिया पुण्य के फल का ज्ञान

Kahani: एक सेठ बस से उतरे, उनके पास कुछ सामान था। आस-पास नजर दौड़ाई, तो उन्हें एक मजदूर दिखाई दिया। सेठ ने आवाज देकर उसे बुलाकर कहा, अमुक स्थान तक…

Pauranik Katha: अंतर्मन को छूता महाभारत का यह सार्थक प्रसंग

Pauranik Katha: महाभारत युद्ध समाप्त हो चुका था। युद्धभूमि में यत्र-तत्र योद्धाओं के फटे वस्त्र, मुकुट, टूटे शस्त्र, टूटे रथों के चक्के, छज्जे आदि बिखरे हुए थे और वायुमण्डल में…

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