Pauranik Katha: हंस और कौवा
Pauranik Katha: पुराने जमाने में एक शहर में दो ब्राह्मण पुत्र रहते थे, एक गरीब था, तो दूसरा अमीर। दोनों पड़ोसी थे। गरीब ब्राह्मण की पत्नी उसे रोज़ ताने देती…
Pauranik Katha: पुराने जमाने में एक शहर में दो ब्राह्मण पुत्र रहते थे, एक गरीब था, तो दूसरा अमीर। दोनों पड़ोसी थे। गरीब ब्राह्मण की पत्नी उसे रोज़ ताने देती…
Kahani: एक गांव में एक व्यक्ति के पास 19 ऊंट थे। एक दिन उस व्यक्ति की मृत्यु हो गयी। मृत्यु के पश्चात वसीयत पढ़ी गयी। जिसमें लिखा था कि मेरे…
Pauranik Katha: स्कन्द पुराण के ब्रह्मोत्तर खण्ड में कथा आती है। काशी नरेश की कन्या कलावती के साथ मथुरा के दाशार्ह नामक राजा का विवाह हुआ। विवाह के बाद राजा…
Pauranik Katha: चंड नामक एक सरल हृदय का भील जंगल में रहता था। वहां टूटा-फूटा पुराना शिवालय था। उसमें कोई पूजा नहीं करता था। चंड उस मूर्ति को उठाकर अपने…
Pauranik Katha: एक बार की बात है, देवी पार्वती का मन खोह और कंदराओं में रहते हुए ऊब गया। दो नन्हें बच्चे और तरह-तरह की असुविधाएँ। उन्होंने भगवान शंकर से…
Kahani: किसी के पास धन बहुत है तो यह कोई विशेष भगवत्कृपा की बात नहीं है। ये धन आदि वस्तुएँ तो पापी को भी मिल जाती हैं- ‘सुत दारा अरु…
Pauranik Katha: रात्रि के अंतिम प्रहर में एक बुझी हुई चिता की भस्म पर अघोरी ने जैसे ही आसन लगाया, एक प्रेत ने उसकी गर्दन जकड़ ली और बोला- मैं…
“अंगद कहइ जाउँ मैं पारा। जियँ संशय कछु फिरती बारा॥” Kahani: अंगद बुद्धि और बल में बाली के समान ही थे। समुद्र के उस पार जाना भी उनके लिए बिल्कुल…
Kahani: एक राजा ने घोषणा की कि जो धर्म श्रेष्ठ होगा, मैं उसे ही स्वीकार करूँगा और आगे बढ़ाने में मदद दूँगा। अब तो उसके पास अपने धर्म की श्रेष्ठता…
Kahani: एक व्यापारी की बड़ी अच्छी स्थिति थी, व्यवसाय चलता था खूब पैसा था। व्यवधान भी आते थे, एक दिन नींद ना आई मन में चैन नहीं था, बहुत बेचैनी…