छतरपुर: ब्रह्माकुमारीज़ विश्वनाथ कॉलोनी द्वारा शिवरात्रि (Shivaratri) के उपलक्ष्य में परमात्मा शिव का सत्य परिचय, संस्कार और संस्कृति की रक्षा, नशा मुक्ति का संदेश देने के उद्देश्य से ग्राम गौरगांय में मूल्यनिष्ठ समाज बनाने नई आशाएं लाई विषय पर कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत स्वागत नृत्य और परमात्मा शिव के आवाह्न से हुई, तत्पश्चात बीके रीना ने ग्राम वासियों को शिवरात्रि का आध्यात्मिक रहस्य बताते हुए कहा कि शिव के साथ जो रात्रि शब्द जुड़ा है, वह किसी कॉमन दिन या रात की बात नहीं है, बल्कि वह तो इस कलियुग की घोर अंधियारी रात पापाचार, भ्रष्टाचार की रात्रि का प्रतीक है।
शिवरात्रि परमात्मा के दिव्य अवतरण का यादगार है। जब परमात्मा इस धरा पर आते हैं, तो सबसे पहले हमारी सूरत और सीरत का परिवर्तन करते हैं। ईश्वरीय ज्ञान ही सूरत और सीरत में दिव्यता, रूहानियत, प्रेम और व्यवहार में मधुरता भरने का कार्य कर सकता है। इस अवसर पर बीके कल्पना ने सभी को नशा मुक्ति का संदेश दिया और कहा कि हमारे पूर्वज देवी-देवता थे और देवी-देवताओं के मंदिरों में कभी भी ऐसी अपवित्र वस्तुएं गुटका, बीड़ी, सिगरेट, शराब नहीं चढ़ाई जाती। हम उनके बच्चे हैं, तो हम सब ऐसी चीजों को ग्रहण कैसे कर सकते हैं?
आप विचार कीजिए इन नशे की आदतों के कारण लगने वाली बीमारियों के इलाज के लिए क्या आपके पास पर्याप्त धन है? यह नशा हमें क्या दे रहे हैं? तन मन की दुर्बलता और धन की कंगाली और जिसके कारण हम हिंसा और घरेलू कलह क्लेश की वजह बन रहे हैं। पहचानिए अपने आप को और अपने पूर्वजों को और बचाइए अपने इस मूल्यवान जीवन को, जो किसी भी प्रकार के नशे के कारण बर्बाद हो रहा है। कार्यक्रम में आकर्षण का केंद्र ब्रह्माकुमारीज के भाई बहनों के द्वारा नशा मुक्ति का ड्रामा रहा, जिसकी सभी ग्रामवासियों ने बहुत सराहना की।
इसे भी पढ़ें: माँ सरस्वती के प्राकट्य की कथा
इस कार्यक्रम में सेवा सहकारी समिति प्रबंधक गौरगांय अखिलेश चतुर्वेदी, पत्रकार धर्मजीत यादव, ब्रजकिशोर चतुर्वेदी, जगदीश प्रसाद दीक्षित, नंदकिशोर राजपूत सहित बीके द्रोपती बहन, ओमप्रकाश अग्रवाल, शशांक श्रीवास्तव एवं गांव के समस्त गणमान्य नागरिक एवं माताएं बहने उपस्थित रहीं।
इसे भी पढ़ें: चार वेदों में क्या है, जानें इसका महत्व