लखनऊ: चुनाव के समय गड़े मुर्दे उखाड़ने की पुरानी परंपरा रही है। जनता का शोषण करने वाले उनके सच्चे हितैषी बनने लगते हैं। वही इस समय उत्तर प्रदेश में चल रहा है। वे राजनीतिक दल कानून व्यवस्था को लेकर योगी सरकार को घेर रहे हैं, जिनका आपराधिक इतिहास रहा है। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव महिला सुरक्षा को लेकर लगातार योगी सरकार को घेरने को कोशिश करते रहते हैं, जबकि उन्नाव से उन्हीं की पार्टी का नेता रजोल सिंह दो महीने से एक लड़की को अपने घर में कैद कर रखा है, जिसकी फरियाद उनके कानों तक नहीं पहुंच रही है। वहीं यह घटना बेहतर कानून व्यवस्था की दंभ भर रही योगी सरकार के लिए भी कलंक है। दो महीने से पीड़िता की मां प्रशासनिक अधिकारियों से बेटी को मुक्त कराने की गुहार लगा रही है, पर योगी की योग्य पुलिस एक मां को इंसाफ नहीं दिला पा रही है।
लखनऊ-सपा दफ्तर के सामने समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव की गाड़ी के सामने उन्नाव से आई महिला ने की आत्मदाह की कोशिश की,गाड़ी सामने आने पर महिला ने अपने ऊपर मिट्टी का तेल डाला था,महिला का आरोप है कि उन्नाव के सपा नेता राजोल सिंह ने उनकी बेटी को दो महीने से किडनैप कर रखा है👇 pic.twitter.com/my2v5XTInp
— Abhishek Dwivedi /अभिषेक द्विवेदी 🇮🇳 (@Dubeyjilive) January 24, 2022
हर तरफ से निराश होकर पीड़िता की मां अखिलेश यादव से मिलने सपा कार्यालय पहुंची थी। लेकिन सपा समर्थकों ने अखिलेश से मिलने नहीं दिया। अखिलेश की गाड़ी जब निकलने लगी तो पीड़िता की मां उनकी गाड़ी के सामने आकर जान देने की कोशिश की। लेकिन वहां मौजूद सुरक्षाकर्मियों ने उसे बचा लिया। वहीं अखिलेश यादव रुककर फरियाद सुनने की जगह वहां से चले गए। इससे दुर्भाग्यपूर्ण दृश्य उत्तर प्रदेश की सियासत से और क्या हो सकती है। पीड़िता की मां के साथ अखिलेश यादव के इस तरह के वर्ताव का वीडियो सोशल मीडिया में तेजी से वायरल हो रहा है।, जिस पर लोग अपना गुस्सा भी जाहिर कर रहे हैं।
इसे भी पढ़ें: राष्ट्रीय बालिका दिवस पर बालिकाओं का किया गया उत्साहवर्धन
संबित पात्रा का बेशर्मी भरा ट्वीट
सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे इस वीडियो को भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने ट्वीट करते हुए अखिलेश यादव पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने वीडियो शेयर करते हुए लिखा है कि समाजवाद का समाज के प्रति असंवेदनशीलता तो देखिये… सपा नेता के पुत्र रजोल सिंह ने बेटी को बंधक बनाया हुआ है, न्याय के लिए माँ जब सपा कार्यालय के बाहर अखिलेश जी से मिलने आई तो अखिलेश जी ने पीड़िता की मां से मिलने के बजाय उन्हें घसीट कर के हटवा दिया… समाजवाद का यही न्याय मॉडल है।
लेकिन सवाल यह उठता है कि प्रदेश में किसकी सरकार है। अगर भाजपा सरकार में पीड़िता की मां को इंसाफ मिलता तो वह अखिलेश के दरबार में क्यों जाती? वीडियो वायरल करने से राज्य सरकार की जिम्मेदारी कम नहीं हो जाती। संबित पात्रा के इस वीडियो ने भाजपा सरकार की बेशर्मी को उजागर कर दिया है। बेटियों की सुरक्षा का दावा करने वाली भाजपा सरकार सोचना होगा कि उनके राज्य में बेटियां कितनी सुरक्षित हैं।
इसे भी पढ़ें: अखिलेश करहल, शिवपाल जसवंतनगर तो आजम और नाहिद जेल से लड़ेंगे चुनाव