कल्पना सिंह
लखनऊ: चुनावों में लगातार मिल रही शिकस्त के बाद समाजवादी पार्टी ने बड़ा कदम उठाया है। सपा का गढ़ माना जाने वाला आजमगढ़ और रामपुर उपचुनाव में मिली हार के बाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने तत्काल प्रभाव से राष्ट्रीय कार्यकारिणी व प्रदेश कार्यकारिणी को भंग कर दिया है। इस दौरान केवल सपा प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम अपने पद पर बने रहेंगे। इसके अलावा सपा ने सभी युवा फ्रंटल संगठन भी भंग कर दिए हैं। ऐसे में आगे आने वाली चुनौतियों से निपटने के लिए अखिलेश यादव का यह बड़ा कदम माना जा रहा है।
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अखिलेश यादव जी ने तत्काल प्रभाव से सपा उ.प्र. के अध्यक्ष को छोड़कर पार्टी के सभी युवा संगठनों, महिला सभा एवं अन्य सभी प्रकोष्ठों के राष्ट्रीय अध्यक्ष, प्रदेश अध्यक्ष,जिला अध्यक्ष सहित राष्ट्रीय,राज्य, जिला कार्यकारिणी को भंग कर दिया है।
— Samajwadi Party (@samajwadiparty) July 3, 2022
समाजवादी पार्टी अब निष्क्रिय नेताओं की छुट्टी कर नए सिरे से संगठन को बनाएगी। इसके बाद राष्ट्रीय अधिवेशन व राज्य कार्यकारिणी की बैठक करेगी। बता दें कि सपा ने रविवार को ट्वीट कर इस अहम निर्णय की जानकारी दी। पार्टी की तरफ से किए गए ट्वीट में लिखा है कि समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने तत्काल प्रभाव से समाजवादी पार्टी उप्र अध्यक्ष को छोड़कर समाजवादी पार्टी के सभी युवा संगठनों, महिला सभा एवं अन्य सभी प्रकोष्ठों के राष्ट्रीय अध्यक्ष, प्रदेश अध्यक्ष, सहित राष्ट्रीय, राज्य कार्यकारिणी को भंग कर दिया है।
इसे भी पढ़ें: ‘सकारात्मक मीडिया’ से होगा ‘स्वर्णिम भारत’ का निर्माण
सपा की नई ईकाइयों का गठन जल्द
चुनाव में मिली हार के बाद यह अनुमान लगाया जा रहा था कि सपा संगठन को भंग कर सकती है। सपा राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने आजमगढ़ और रामपुर चुनाव नतीजे आने के बाद संगठन से बात कर हार के कारणों की समीक्षा की थी। लगातार पार्टी को मिल रही शिकस्त को देखते हुए राष्ट्रीय अध्यक्ष ने नए सिरे से संगठन को गठन करने का निर्णय लिया है। वहीं अनुमान लगाया जा रहा है कि पार्टी का राष्ट्रीय कार्यकारिणी अगस्त के अंतिम सप्ताह अथवा सितंबर के शुरुआत में बुलाया जाएगा।
गौरतलब है कि शिवपाल सिंह यादव से मनमुटाव के चलते सपा भितरघातियों से जूझ रही है। वहीं राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव का बड़बोलापन भी पार्टी को नुकशान पहुंचा रहा है। इन सब परिस्थितियों को देखते हुए यह माना जा रहा है कि पार्टी में व्यापक स्तर पर फेरबदल होने जा रहा है। ऐसे में कई चेहरों को पार्टी से बाहर किया जा सकता है।
इसे भी पढ़ें: प्रधानाचार्य श्वेता पाण्डेय ने प्रबंधक पर लगाया जबरिया हटाने का आरोप