नई दिल्ली। पंजाब नगर निकाय चुनाव में भाजपा को तगड़ा झटका लगा है। इसके पीछे नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के गुस्से को माना जा सकता है। क्योंकि इस कानून का विरोध पंजाब से ही शुरू हुआ था, जो आज देश के कई हिससों तक पहुंच गया है। पंजाब के सात नगर निगमों छह सीटों पर सत्तारूढ़ कांग्रेस ने कब्जा जमा लिया है। जबकि सातवें नगर निगम में सबसे बड़ी पार्टी बन कर सामने आई है। कांग्रेस ने शहरी निकाय चुनावों में विपक्षी पार्टियों का सूपड़ा साफ कर दिया है। राज्य के बठिंडा, होशियारपुर, कपूरथला, अबोहर, बटाला और पठानकोट में कांगेस ने जबरदस्त जीत हासिल की है। जबकि मोगा में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है और बहुमत से मात्र 6 सीटें पीछे रह गई।
वहीं एक अन्य नगर निगम के लिए गुरुवार को मतदान किया जाएगा। इसके साथ ही 109 नगर परिषद के चुनाव परिणाम भी जल्द आ सकते हैं। पंजाब का यह चुनाव परिणाम भाजपा नीति की अगुवाई वाली एनडीए सरकार के झटका है और कांग्रेस का मनोबल बढ़ाने वाला है। क्योंकि कृषि कानूनों के विरोध में केंद्र सरकार के खिलाफ किसान प्रदर्शन जारी है और कांग्रेस उन्हें पूरा समर्थन कर रही है। वहीं प्रदर्शन कर रहे अधिकतर किसान पंजाब और हरियाणा से ही हैं।
इसे भी पढ़ें: आजादी के बाद पहली बार किसी महिला को होगी फांसी, कई अन्य की भी मौत की सजा बरकरार
कांग्रेस की निगाह अगले वर्ष होने वाले पंजाब विधानसभा चुनाव पर है। पार्टी को मिली सफलता पर पंजाब प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने कहा कि यहां की जनता ने भाजपा, अकाली दल और आप की नकारात्मक राजनीति को नकार दिया है। उन्होंने संवादददाताओं से कहा कि हमारी पार्टी ने विकास के एजेंडे पर चुनाव लड़ा। इस जीत से हमें और हमारे पार्टी कार्यकर्ताओं को और अधिक मेहनत करने की प्रेरणा मिलेगी। बता दें कि मोगा में किसी भी राजनीतिक दल को बहुमत नहीं मिला है, जिसके चलते निर्दलीय उम्मीदवारों का समर्थन महत्वपूर्ण हो गया है। मोगा नगर निगम के 50 वार्डोंं में से कांग्रेस ने 20 सीटों पर जीत हासिल करते हुए सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है।
इसे भी पढ़ें: किसान आंदोलन को समर्थन कर चर्चा में आई रिहाना ‘गणेश’ के साथ हुई टॉपलेस, लोगों ने लगाई लताड़