Prayagraj News: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज जिले के धूमनगंज थाना क्षेत्र के झलवा स्थित ग्लोबल अस्पताल (Global Hospital) में मौसमी का जूस चढ़ाने से मरीज की हुई मौत मामले में बड़ी कार्रवाई की तैयारी शुरू हो गई है। प्रयागराज विकास प्राधिकरण (Prayagraj Development Authority) ने ग्लोबल अस्पताल (Global Hospital) के भवन को ध्वस्त करने की तैयारी कर ली है। बता दें कि ग्लोबल अस्पताल (Global Hospital) में डेंगू से पीड़ित एक मरीज को प्लेटलेट्स की जगह कथित तौर पर मौसमी का जूस चढ़ा दिया था, जिससे मरीज प्रदीप पांडेय की मौत हो गई थी।
जानकारी के मुताबिक पीडीए (Prayagraj Development Authority) की तरफ से ग्लोबल हॉस्पिटल (Global Hospital) की स्वामी मालती देवी को 19 अक्टूबर को एक नोटिस जारी किया गया था, जिसमें अस्पताल के भवन को अनाधिकृत रूप से निर्मित बताया गया है। नोटिस में कहा गया है कि प्रयागराज विकास प्राधिकरण से अपेक्षित अनुमति प्राप्त किए बगैर अस्पताल भवन का निर्माण कराया गया है। इसके लिए पूर्व में कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था और अपना पक्ष रखने का मौका दिया गया था। पीडीए की नोटिस में कहा गया है कि सुनवाई की तिथि पर उपस्थित नहीं होने और स्वामित्व संबंधित अभिलेख व शमन मानचित्र प्रस्तुत नहीं करने के कारण भवन का ध्वस्तीकरण आदेश पारित किया गया है। इसके साथ ही भवन में स्थित अस्पताल को 28 अक्टूबर को सुबह 11 बजे तक खाली करने का निर्देश दिया गया है।
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मौसमी का जूस चढ़ाने से हुई थी मरीज की मौत!
गौरतलब है कि गत दिनों ग्लोबल अस्पताल में मरीज को प्लेटलेट्स की जगह कथित तौर पर मौसमी का जूस चढ़ाने से मरीज प्रदीप पांडेय की हालत बिगड़ गई थी। इसके बाद उसे शहर के दूसरे अस्पताल में ले जाया गया जहां, इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई थी। प्लेटलेट्स की जगह मौसमी का जूस वाला वीडियो सोशल मीडिया पर प्रसारित होने के बाद प्रदेश के उप मुख्यमंत्री बृजेश पाठक के ट्वीट और उनके आदेश पर जिला प्रशासन हरकत में आया और ग्लोबल अस्पताल को 20 अक्टूबर को सील कर दिया गया था। अस्पताल को सील करने के अगले दिन 21 सितंबर को प्रयागराज पुलिस ने नकली प्लेटलेट्स बेचने वाले गिरोह का पर्दाफाश करते हुए उसके 10 सदस्यों को गिरफ्तार किया था।
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फिलहाल झलवा स्थित ग्लोबल अस्पताल में मरीज को मौसमी का जूस चढ़ाया गया था या नकली प्लेटलेट्स, यह अभी तक स्पष्ट नहीं हो सका है। वहीं नमूने की जांच रिपोर्ट मोतीलाल नेहरू मेडिकल कालेज की तरफ से सीलबंद लिफाफे में जिलाधिकारी के पास भेजी गई है और मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) नानक शरण ने इस रिपोर्ट के तथ्यों के बारे में जानकारी साझा करने से इनकार किया है।
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