Pratapgarh News: अपर जनपद न्यायाधीश/विशेष न्यायाधीश पाक्सो अधिनियम पंकज कुमार श्रीवास्तव ने दुष्कर्म, अपहरण एवं अपराधिक मानव वध के आरोप में हलीम उर्फ खड़बड़ एवं रिजवान निवासीगण ग्राम परसई, थाना नवाबगंज,जनपद प्रतापगढ़ को विरलतम अपराध का दोषी पाते हुए मृत्युदंड व पच्चास-पच्चास हजार रुपया अर्थदंड से दोनों को दंडित किया। अर्थदंड की राशि पीड़िता को उसके चिकित्सा एवं मानसिक आघात की पूर्ति एवं उसके पुनर्वास हेतु नियमानुसार प्रदान किया जाएगा।
घटना 27 दिसम्बर, 2021 की शाम छह बजे की है,जिसकी प्रथम सूचना रिपोर्ट थाना नवाबगंज में 30 दिसम्बर, 2021 को पीड़िता के भाई द्वारा अज्ञात के विरुद्ध पंजीकृत करायी गई। जिसकी विवेचना तत्कालीन थानाध्यक्ष रुकुम पाल सिंह एवं उपनिरीक्षक सुरेंद्र सिंह द्वारा संपादित की गई। घटना के दिन मामले की पीड़िता जो थाना नवाबगंज की है शाम को गांव की दुकान पर बेसन लेने जा रही थी, तभी मामले के अभियुक्तगण बाल अपचारी,रिजवान और हलीम उर्फ खड़बड़ उसे पकड़ लिए और रेलवे ट्रैक के पास ले जाकर उसके साथ जबरन दुष्कर्म किए।
विरोध करने पर बहुत ही क्रूर तरीके से उसके सिर में मारा, चेहरे की हड्डी तोड़ दी और आंख में चाकू मार दिए, जिससे वह अंधी हो गयी। पैर तोड़ दिए और बेहोशी हालत में वहीं छोड़कर फरार हो गए। जानकारी होने पर बेहोशी हालत में लोगों की मदद से उसे सीएचसी कालाकांकर लाया गया। यहां गम्भीर स्थिति को देखते हुए उसे एसआरएन मेडिकल कॉलेज प्रयागराज रेफर कर दिया गया। जहां उसका इलाज चला, 5 दिन बाद पीड़िता होश में आयी, तब उसने बताया कि उसके साथ उपरोक्त अभियुक्तगण बाल अपचारी, रिजवान और हलीम उर्फ खड़बड़ ने यह क्रूरतम अपराध किया। तभी इन अभियुक्तगणों का नाम प्रकाश में आया और इनके विरुद्ध विवेचना प्रचलित हुई।
मामले मे विवेचनोपरांत तीनों अभियुक्तगणों के विरुद्ध आरोप-पत्र न्यायालय में प्रेषित किया गया, जिसमें से एक अभियुक्त को न्यायालय द्वारा बाल अपचारी घोषित कर उसकी पत्रावली पृथक कर बाल न्यायालय भेज दिया। अन्य दोनों अभियुक्तगण हलीम उर्फ खड़बड़ एवं रिजवान के विरुद्ध न्यायालय ने 7 मई, 2022 को आरोप विरचित किया तथा अभियोजन द्वारा कुल 11 गवाहों को पेश किया गया और उन्हें परीक्षित किया गया। 15 सितम्बर, 2022 को मामले में अंतिम बहस हुई, जिसके पश्चात विशेष अपर सत्र न्यायाधीश पंकज कुमार श्रीवास्तव के न्यायालय द्वारा 6 माह के अंदर विचारण समाप्त कर 21 सितम्बर, 2022 को निर्णीत कर अभियुक्तगण हलीम उर्फ गड़बड़ एवं रिजवान को मामले में दोष सिद्ध किया।
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बुधवार 2 नवम्बर को सजा हेतु तिथि नियत की गई थी, जिसे न्यायालय द्वारा विरलतम अपराध घोषित करते हुए दोनों अभियुक्तगणों हलीम उर्फ खड़बड़ एवं रिजवान को मृत्युदंड से दंडित करते हुए 50-50 हजार रुपए का दोनों पर अर्थदंड आरोपित किया। यह क्रूरतम अपराध उस समय जनसामान्य के बीच में चर्चा का विषय रहा, क्योंकि इससे दो समुदायों के बीच में काफी तनाव पैदा हो गया था। मामले में राज्य की ओर से प्रभावी पैरवी विशेष लोक अभियोजक राजेश त्रिपाठी व निर्भय सिंह द्वारा की गई। उक्त अभियोजन अधिवक्ता द्धय ने प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए बताया कि न्यायालय द्वारा दिया गया कठोर एवं गंभीर निर्णय समाज में महिलाओं एंव बच्चियों के विरुद्ध हो रहे अपराध को रोकने में मील का पत्थर साबित होगा।
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