एकत्र हों साथ मिलकर
गांव को सार्थक करें।
हम बड़ा परिवार हैं सब
प्रेरणा का स्वर भरें।।
है दशहरा पूजन हमारा
दस करें संकल्प हम सब।
जो असम्भव हो सभी को
सम्भव करेंगे कार्य वे सब।।
स्वच्छता उत्तम हमारी
गांव हरियाली भरा हो।
देव वृक्ष हों गांव वन हो
गांव चहुंदिश हरा हो।।
वर्षा जल सम्भरण हो
भूगर्भ जल स्तर बढ़े।
तालाब निर्मल जल भरे
सहयोग का पारा चढ़े।।
सब भेद भेदें ग्राम ज़न
शिक्षा का उत्तम प्रबंधन।
स्वाध्याय से उद्योग साधें
संस्कार से समृद्धि का धन।।
प्राकृतिक खेती यहाँ पर
बने प्रेरणा का केंद्र विंदु।
गौ पालन प्रेरक यहाँ हो
हों गांव सब प्रेरणा सिन्धु।।
– बृजेंद्र
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