आचार्य विष्णु हरि सरस्वती
नरेन्द्र मोदी की अमेरिकी यात्रा के दौरान यह प्रश्न पूछा गया कि मुसलमानों के साथ भेदभाव व हिंसा क्यों हैं? प्रश्न पूछने वाली कथित पत्रकार सबरीन सिद्दीकी पाकिस्तान मूल की मुस्लिम पत्रकार है। वह सर सैयद अहमद खान को अपना आदर्श मानती है। सर सैयद अहमद खान यानी भारत विभाजन की नींव रखने वाला व अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय का संस्थापक था। अंग्रेजों की स्वामीभक्ति के कारण उसे सर की उपाधि मिली थी। सर सैयद अहमद खान ने हिन्दुओं के खिलाफ डायरेक्ट एक्शन की बात की थी। दूसरी आवाज बराक ओबामा ने लगायी थी। जानना यह भी जरूरी है कि बराक ओबामा भी अफ्रीकी मूल का मुस्लिम है। हिन्दुओं व भारत को बदनाम करने के लिए दुनिया भर के विधर्मियों के संगठनों की यह साजिश थी।
सबरीना सिद्दीकी और बराक ओबामा जैसे प्रश्न किसी हिन्दू पत्रकार और किसी हिन्दू राजनीतिज्ञ ने क्यों नहीं किया? भारत में तो हिन्दुओं का ही सर्वनाश चल रहा है। हिन्दू ही अपने घरों से भगाये जा रहे हैं, लव जिहाद, लैंड जिहाद, हेल्थ जिहाद, थूक जिहाद आदि दर्जनों जिहाद जारी है। कश्मीर से हिन्दुओं को भगा दिया गया। केरल और पश्चिम बंगाल से भगाये जा रहे हैं। हिन्दू लगातार मुस्लिम बहुलतावाले क्षेत्रों से भाग रहे हैं। मुस्लिमों और अन्य अल्पसंख्यकों को जितना अधिकार भारत में मिले हुए हैं उतना अधिकार अन्य किसी देश में भी नहीं मिले हैं। खुद मुस्लिम देश इस्लाम के सामने अन्य धर्मों को सरेआम और संवैधानिक ढंग से कुचलते हैं, पनपने का अवसर तक नहीं देते हैं। हिन्दू अपने धर्म की शिक्षा नहीं दे सकते हैं पर मुस्लिम व ईसाई अपने धर्म की शिक्षा शिक्षण संस्थानों में दे सकते है। चार बीवियां रख सकते हैं। गोलबंदी व यूनियनबाजी कर सत्ता पर कब्जा करने की साजिश कर सकते हैं, हम पांच और हमारे पच्चीस के तर्ज पर बच्चे पैदा कर सकते हैं।
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हिन्दुओं में कोई सबरीना या फिर बराक ओबामा क्यों नहीं बनता है? इसलिए कि हिन्दुत्व एक दुकानदारी है, मनोरंजन है, सिर्फ सत्ता प्राप्त कर मौज मस्ती का हथकंडा है। सबरीना सिद्दीकी पाकिस्तानी होने के बावजूद नरेन्द्र मोदी को अपने मुस्लिम परस्त प्रश्नों से असहज कर सकती है, बराक ओबामा एक अफ्रीकी होने के बावजूद भी मुस्लिम और ईसाई के पक्ष में बोल कर मोदी को असहज कर सकते हैं? आखिर क्यों? इसीलिए कि मुस्लिम और ईसाई अपने हितों की रक्षा करने मे आगे हैं उन्हें अपने धर्म के समर्पित रहने व बलिदान होने की शिक्षा दी जाती है। यही कारण है कि मुस्लिम व ईसाई दुनिया पर राज कर रहे हैं।
अमेरिका में लाखों हिन्दू हैं, राजनीति ही नहीं बल्कि हर क्षेत्र में टॉप पर हैं। अमेरिका में दर्जनों हिन्दू संगठन हैं। पर हिन्दू संगठन एक भी सबरीना सिद्दीकी पैदा नहीं कर सके। हमनें हिन्दुओं को लड़ना और अपने हितों के लिए संघर्ष करना नहीं सिखाया, हमनें उन्हें सिर्फ राधे-राधे के थाप पर नाचना सिखाया है। इस प्रंसग पर आप भी मंथन कर सकते हैं, कोई विचार मन में आयेगा तो टिप्पणी कर, इस जागरूकता के अभियान को आगे बढ़ा सकते हैं।
(लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं।)
(यह लेखक के निजी विचार हैं।)
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