नई दिल्ली। बुधवार यानी 13 जनवरी, 2021 को पौष अमावस्या है। पौष मास के कृष्ण पक्ष की आखिरी तिथि को पड़ने वाली अमावस्या को पौष अमावस्या कहते हैं। कहते हैं कि अमावस्या का व्रत रखने चंद्र देवता प्रसन्न होकर सौभाग्य व समृद्धि देते हैं। अमावस्या को पितरों की तिथि भी कहा जाता है। इस दिन पूर्वजों का तर्पण किया जाता है। अमावस्या के दिन पितरों के नाम का दान और उनके वस्त्र निकालने चाहिए। अमावस्या के दिन सूर्य देव को तांबे के लोटे में तिल औऱ शुद्ध जल मिलाकर ‘ॐ पितृभ्य: नम:’ का मंत्र पढ़ते हुए अर्घ्य देना फलदायी माना जाता है।
पं. नरेन्द्र उपाध्याय के अनुसार अमावस्या से पहले चतुर्दशी तिथि को गंगा स्नान करना बहुत उत्तम होता है। इशके बाद गंगा में दीप प्रज्जवलित करने से पितरों को शान्ति प्राप्त होती है, यह परम्परा सदियों से चली आ रही है, इसी परम्परा के चलते गंगा में दीप प्रज्जवलित कर अपने दिवंग्त पूर्वजों की आत्म शान्ति के लिए प्रार्थना की जाती है।
शुभ मुहूर्त
पौष अमावस्या तिथि की शुरुआत- 12 जनवरी 2021, दिन मंगलवार को दोपहर 12 बजकर 22 मिनट से।
अमावस्या तिथि समाप्त- 13 जनवरी, 2021, दिन बुधवार को सुबह 10 बजकर 29 मिनट पर।
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