नई दिल्ली। कोरोना संक्रमण के बीच अब कोरोना की वैक्सीन को लेकर अब सियासत तेज हो गई है। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और एनसीपी प्रमुख शरद पवार सहित 12 दलों के नेताओं ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को संयुक्त पत्र लिखकर उनसे नि:शुल्क व्यापक कोविड रोधी टीकाकरण कराने तथा सेंट्रल विस्टा परियोजना के निर्माण पर रोक लगाने की मांग की। इसके अलावा प्रधानमंत्री से वैक्सीन संकट खत्म करने की दिशा में ठोस कदम उठाने के लिए कहा। 12 मई को विपक्षी दलों की तरफ से लिखे गए पत्र में कहा गया है कि सभी उपलब्ध स्रोतों (वैश्विक और घरेलू) से वैक्सीन की खरीद की जाए। इसके अलावा घरेलू वैक्सीन के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए अनिवार्य लाइसेंस की व्यवस्था को भी खत्म किया जाए।
विपक्षी दलों की तरफ से यह भी कहा गया है कि बजट में आवंटित 35,000 करोड़ रुपए का इस्तेमाल वैक्सीन के लिए केन्द्र सरकार करे। केन्द्र सरकार की तरफ से देशभर में तत्काल एक नि:शुल्क, सार्वभौमिक सामूहिक वैक्सीनेशन अभियान भी शुरू कराया जाए। इसके अलावा अधिक से अधिक वैक्सीन, ऑक्सीजन और मेडिकल उपकरणों की खरीद के लिए प्राइवेट ट्रस्ट फंड की बेनामी संपत्तियों और पीएम केयर्स फंड के पैसों को भी जारी किया जाए।
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विपक्षी दलों की तरफ से लिखे गए पत्र में आगे कहा गया है कि सेंट्रल विस्टा के निर्माण कार्य को रोका जाए। इसके लिए आवंटित पैसों को ऑक्सीजन और वैक्सीन की खरीद के लिए खर्च किया जाए। पत्र में विपक्षी दलों ने कहा है कि लाखों ‘अन्नदाताओं’ को महामारी की चपेट में आने से बचाने के लिए नए कृषि कानूनों को भी निरस्त किया जाए। साथ ही सभी बेरोजगारों को 6 हजार रुपए हर महीने दीजिए तथा जरूरतमंदों को नि:शुल्क अनाज उपलब्ध कराया जाए।
विपक्षी दलों के नेताओं की तरफ से पीएम मोदी को पत्र लिखने वालों में कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी, डीएमके अध्यक्ष एमके स्टालिन, एचडी देवगौड़ा, एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार, शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे, टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी, जेएमएम चीफ हेमंत सोरेन, फारूक अब्दुल्ला, डी. राजा और सीपीएम महासचिव सीताराम येचुरी, अखिलेश यादव, तेजस्वी यादव शामिल हैं।
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