Notebandi: आरबीआई (RBI) ने एकबार फिर बड़ा फैसला लेते हुए दो हजार के नोट को बंद किए जाने का एलान किया है। हालांकि इस बार लोगों को सहूलियत देते हुए यह फैसला लिया गया है। रिजर्ब बैंक ऑफ इंडिया (Reserve Bank of India) की तरफ से जारी निर्देश के मुताबिक बैंक ने दो हजार के नोट को वापस लेने का फैसला लिया है। इसके मुताबिक बाजार में जो दो हजार के नोट हैं वह चलन में बने रहेंगे। पैसों के लेनदेन पर कोई रोक नहीं लगाई गई है। साथ ही जिनके पास दो हजार के नोट इकट्ठा हैं, वह 23 मई से इसे बैंकों में जमा कर सकते हैं। जमा करने की लिमिट भी निधारित की गई है। एक बार में कोई दो हजार के दस नोट यानि 20 हजार रुपये ही जमा कर सकेंगे। आरबीआई के इस निर्देश से जमाखोरों में हड़कंप मच गया है। वहीं आम जनमानस इस फैसले से काफी खुश है।
बता दें कि दो हजार के नोट लंबे समय से बाजार से गायब है। लोगों में यह बात काफी समय से चर्चा में थी। लोग यह महसूस कर रहे थे कि सरकार अगर दो हजार के नोट को बंद कर देती है, तो भ्रष्टाचारियों की कमर टूट जाएगी। क्योंकि एटीएम से भी दो हजार के नोट गायब है। मजे की बात यह है कि दो हजार के नोट केवल ईडी और सीबीआई के छापों में बरामद हो रहे थे। इससे यह साफ हो चुका था कि दो हजार के नोटों को अधिकारी, नेता और व्यापारी हड़प चुके हैं। जानकारों की मानें बाजार से दो हजार के करोड़ों रुपये गायब हो चुके हैं। ऐसा इसलिए नहीं है कि इन पैसों को कोई लूट ले गया है। इन रुपयों को इसी देश के धन कुबेरों ने दबा रखा है।
जमाखोरों की टूटेगी कमर
जमाखोरों को इस बात का भान नहीं रह होगा कि उनकी जमाखोरी पर सरकार की निगाह है। इस बात को लेकर सरकार 2019-20 में ही सतर्क हो गई थी और उसने दो हजार के नोटों को छापना ही बंद कर दिया था। यही वजह है कि लोग जैसे-जैसे दो हजार को डंफ करते गए, बाजार से वैसे-वैसे दो हजार के नोट गायब हो गए। आज शायद ही कोई ऐसा आम आदमी हो जिसके घर में दो हजार की नोट मौजूद हो। इतना ही नहीं बैंकों से भी दो हजार के नोट लंबे समय से गायह हैं। ऐसे में यह माना जा रहा है कि दो हजार की नोट पर रोक के बाद अब डंफ किए गए यह नोट बाहर आ जाएंगे।
आरबीआई (RBI) ने बताई दो हजार के नोट छापने की वजह
आरबीआई ने साफ किया है कि दो हजार के नोट वापस आने पर उसकी जगह पांच सौ व अन्य नोटों की छपाई की जाएगी। इससे लोगों को नोट के लिए कोई दिक्कत भी नहीं है। वहीं आरबीआई ने दो हजार के नोट को छापने की वजह भी बताई है। आरबीआई के मुताबिक नोटबंदी के दौरान नोटों की समस्या के चलते दो हजार के नोट छापे गए थे। क्योंकि नोटबंदी से देश की बड़ी आबादी प्रभावित हुई थी। इसके चलते दो हजार की नोट छापना मजबूरी थी। लेकिन अब इसको बंद करने से आम आदमी पर कोई खासा फर्क नहीं पड़ेगा।
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जनता खुश, बताया अच्छा फैसला
दो हजार के नोट को चलन से बाहर करने के आरबीआई के फैसले पर विपक्ष एक बार फिर हायतौबा मचाने में लग गया है। विपक्षी नेताओं का कहना है कि इससे आम जनता को एक बार फिर बैंकों और एटीएम की लाइन में लगने पड़ेंगे। वहीं आम जनमानस से बात करने पर लोगों ने आरबीआई के इस फैसले पर खुशी जताई। लोगों का कहना है कि बाजार से दो हजार के नोट गायब हैं, ऐसे में जो पैसों को दबाकर बैठे हैं, वो इस बारे में सोचे। अधिकत्तर लोगों का कहना है कि उन्होंने लंबे समय से दो हजार के नोट देखें ही नहीं।
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