बस्ती: अंतरराष्ट्रीय श्रमिक दिवस (International Workers Day) के अवसर पर रविवार को राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद अध्यक्ष मस्तराम वर्मा के संयोजन में विकास भवन के सभागार में संगोष्ठी का आयो़जन किया गया। परिषद अध्यक्ष मस्तराम वर्मा ने कहा कि भारत का श्रमिक वर्ग कोरोना संकट काल के बाद इतिहास के सबसे कठिन दौर से गुजर रहा है। उन्होंने कहा कि श्रमिक अपने अधिकारों के लिये सचेत न हुए तो आने वाले दिनों में मुश्किलें और बढ़ेंगी। इसके लिए एकजुटता से संघर्ष को आगे बढ़ाना होगा।
कर्मचारी नेता एवं संयुक्त परिषद के जिला मंत्री तौलू प्रसाद ने कहा कि मजदूर दिवस पर परिषद ने निर्णय लिया है कि कर्मचारियों को स्वास्थ्य सुविधाओं के त्वरित लाभ, चिकित्सा बिल का समय से सीएमओ, सीएमएस कार्यालय द्वारा सत्यापन कराये जाने, न्यूरो, हृदयरोग विशेषज्ञ की तैनाती, सरकारी जीर्ण आवासों के मरम्मत एवं नये आवासों के निर्माण, विभागीय अधिकारियों द्वारा प्रति माह कर्मचारियों संगठनों से वार्ता किये जाने आदि सवालोें को लेकर जिलाधिकारी का चेतावनी पत्र दिया जायेगा। यदि मांगे न मानी गई तो परिषद जिला स्तर पर धरना प्रदर्शन को बाध्य होगा।
विकास भवन कर्मचारी संघ के अध्यक्ष राम अधार पाल ने श्रमिकों के संघर्ष पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए एक मई का दिन इतिहास में मजदूर दिवस के तौर पर दर्ज है। दुनिया में मजदूर दिवस मनाने का चलन करीब 135 साल पुराना है, मजदूरों ने काम के घंटे तय करने की मांग को लेकर 1877 में आंदोलन शुरू किया, इस दौरान यह दुनिया के विभिन्न देशों में फैलने लगा। उन्होंने कहा कि यह चिन्ताजनक है कि लम्बे संघर्ष और बलिदान के बावजूद मजदूरों की स्थितियों में कोई रचनात्मक सुधार नहीं हो सका है। उन्होंने कहा कि श्रमिकों को उनका हक मिले, उत्पीड़न बंद हो इसके लिए संघर्ष जारी रखना होगा। उन्होंने कहा कि संवादहीनता खतरनाक है। अच्छा हो कि कर्मचारियों, श्रमिकों से संवाद बनाकर उनकी समस्याओं का प्रभावी निस्तारण कराया जाय।
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गोष्ठी को डिप्लोमा इंजीनियर महासंघ अध्यक्ष ई. अभिषेक सिंह, सफाई कर्मचारी संघ अध्यक्ष अजय आर्य, मिनीस्ट्रीरियल फेडरेशन के मंत्री रघुवंशमणि यादव, सिंचाई संघ अध्यक्ष सुभाष मिश्र, स्टेनोग्राफर महासंघ सचिव डीएन वर्मा, विकास भवन के महामंत्री ओम प्रकाश आदि ने सम्बोधित करते हुए मजदूर आन्दोलनों और कोरोना काल में प्राण गंवाने वाले श्रमिकों को श्रद्धांजलि दिया। कहा कि इस अंधेरे की सुबह होगी और उनका बलिदान व्यर्थ नहीं जायेगा।
कार्यक्रम में मुख्य रूप से उमेश वर्मा, मंशाराम, विमल आनन्द, राम सिंह चौधरी, रूद्रनरायन रूदल, संजय कुमार, प्रभाकर पाल, राजेश कुमार, अरुण कुमार, शैलेन्द्र चौधरी, रामचरन, देवेन्द्र सिंह, चन्द्र प्रकाश, रामजीत वर्मा, रामनवल, अविनाश कुमार, परमात्मा प्रसाद, उदयपाल के साथ ही अनेक कर्मचारी नेता, राज्य कर्मचारी उपस्थित रहे।
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