खांसी की समस्या आम बात है। खांसी किसी को कभी भी आ सकती है। लेकिन कोरोना काल के दौरान खांसी आने से लोग थोड़ा भयभीत जरूर हो जाते हैं। इसमें से सूखी खांसी आने से अक्सर लोग परेशान हो जाते हैं। क्योंकि इस तरह की खांसी में बलगम नहीं आता, जिससे गले में खराश की स्थिति बन जाती है। गले से लेकर सीने तक जलन भी होने लगती है। इसके कई कई कारण भी हो सकते हैं। एलर्जी से लेकर एसिड रिफ्लक्स कई वजहे हैं, जिसकी वजह से सूखी खांसी आती है। ऐसे में हम यहां सूखी खांसी आने की कुछ वजहों के बारे में जानकारी साझा कर रहे हैं।

अस्थमा

खांसी का सबसे प्रमुख कारण अस्थमा होता है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों की मानें तो अस्थमा एक ऐसी बीमारी है जिसमें आपके वायुमार्ग में सूजन आ जाते हैं और वह संकुचित हो जाते हैं। ऐसी स्थिति में बलगम वाली और सूखी खांसी दोनों में से कोई भी हो सकती है। इसके चलते खांसी को अस्थमा के एक सामान्य लक्षण के तौर पर भी देखा जाता है।

cough

गैस्ट्रोओसोफेगल रिफ्लक्स डिजीज

गैस्ट्रोओसोफेगल रिफ्लक्स डिजीज की समस्या होने पर पेट में जलन या सीने में दर्द की शिकायत होने लगती है। यह समस्या कभी कभी सूखी खांसी की वजह भी होती है। पेट का एसिड अन्नप्रणाली में जलन की समस्या पैदा कर सकती है और ऐसी स्थिति में कफ पलटा को टि्रगर कर सकता है। इसके चलते आपको सूखी खांसी की समस्या हो सकती है।

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सूखी खांसी के पीछे का एक कारण कोविड−19 संक्रमण भी हो सकता है। देश इस समय कोरोना संक्रमण से जूझ रहा है और कोरोना संक्रमित होने पर बुखार, थकान व डायरिया के अलावा सूखी खांसी की समस्या मरीजों में देखने को मिल रही है। ऐसे में इसे भी कोरोना संक्रमण के लक्षणों की श्रेणी में रखा गया है।

वायरल इंफेक्शन

स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि कोरोना संक्रमण के अलावा वायरल इंफेक्शन होने पर भी व्यक्ति को सूखी खांसी की दिक्कत हो सकती है। इसके अलावा वायरल इंफेक्शन के अन्य लक्षणों में सुधार होने के बावजूद भी खांसी की समस्या बनी रहती है। ऐसी स्थिति में परेशान होने की जरूरत नहीं है, क्योंकि यह सूखी खांसी कुछ समय बाद ठीक हो जाती है। वहीं जुकाम के बाद होने के बाद की सूखी खांसी एक−दो महीने तक बनी रह जाती है।

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