Hathras incident: उत्तर प्रदेश के हाथरस के फुलरई गांव में मंगलवार को सत्संग के दौरान मची भगदड़ में अब तक 130 श्रद्धालुओं की मौत हो होने की सूचना है। घटना के बाद से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सख्त रुख अख्तियार कर लिया है। हादसे की जांच कर रहे एसडीएम ने प्राथमिक जांच रिपोर्ट जिलाधिकारी को सौंप दी है। एसडीएम की जांच रिपोर्ट के मुताबिक, सत्संग के समापन के बाद श्रद्धालु भोले बाबा के दर्शन के लिए उनके पास पहुंचने की कोशिश कर रहे थे। श्रद्धालुओं की बढ़ती भीड़ को हटाने के लिए बाबा के सेवादार और निजी गार्ड्स (ब्लैक कमांडो) ने धक्का-मुक्की करनी शुरू कर दी। इसके बाद कार्यक्रम स्थल पर भगदड़ मच गई, जिससे इतना बड़ा हादसा हो गया।
एसडीएम के अनुसार, सत्संग में दो लाख से ज्यादा श्रद्धालु शामिल हुए थे। भोले बाबा दोपहर करीब 12.30 बजे पंडाल में पहुंचे और उनका कार्यक्रम 1 घंटे तक चला। सत्संग समाप्त कर भोले बाबा दोपहर 1.40 बजे पंडाल से निकले, इसी दौरान श्रद्धालु उनके चरण की धूल छूने के लिए टूट पड़े। लोग बनाये गए डिवाइडर लांघ कर बाबा के वाहन की और दौड़ने लगे। यह देखकर बाबा के निजी गार्ड्स और सेवादारों ने उनके साथ धक्का-मुक्की करनी शुरू कर दी। इसके बाद कुछ लोग जमीन पर गिर गए। देखते ही देखते इंसानों की भीड़ भेड़ चाल में बदल गई और लोग एक दूसरे को कुचलते हुए भागने लगे।
बाबा के मुख्य सेवादार के खिलाफ एफआईआर
जानकारी के मुताबिक, पुलिस ने भोले बाबा के मुख्य सेवादार और आयोजकों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। बताया जा रहा है एफआईआर में भोले बाबा का नाम शामिल नहीं है। अधिकारियों के मुताबिक, सत्संग के लिए प्रशासन से अनुमति ली गई थी। सत्संग में 80000 श्रद्धालुओं के शामिल होने को लेकर ही अनुमति मांगी थी। लेकिन कार्यक्रम में दो लाख से अधिक श्रद्धालु के शामिल होने की बात सामने आ रही है।
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दोषियों को बख्शेंगे नहीं: सीएम योगी
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाथरस हादसे को लेकर बड़ा ऐलान किया है। उन्होंने अपने सरकारी आवास पर प्रेस वार्ता करते हुए कहा कि हमारी सरकार इस घटना की तह में जाकर साजिशकर्ताओं और जिम्मेदारों को उचित सजा देने का काम करेगी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार इस पूरी घटना की जांच करा रही है। हम इसकी तह में जाएंगे और देखेंगे कि यह हादसा है या साजिश। इसके साथ ही सीएम योगी ने घटना पर राजनीति करने वाले दलों को भी फटकार लगाते हुए कहा कि इस प्रकार की घटना पर पीड़ितों के प्रति संवेदना व्यक्त करने के बजाए राजनीति करना अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है और निंदनीय भी। यह समय पीड़ितों के घावों पर मरहम लगाने का है, पीड़ितों के प्रति संवेदना का है। सरकार इस मामले में पहले से संवेदनशील है और किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा।
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