Hartalika Teej: हरतालिका तीज हिन्दू धर्म में एक अत्यंत महत्वपूर्ण पर्व है, जो विशेष रूप से कुंवारी कन्याओं और सुहागिन महिलाओं के लिए खास महत्व रखता है। इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा से वैवाहिक जीवन में सुख-समृद्धि और मनोकामनाओं की पूर्ति होती है। यह पर्व भगवान शिव और माता पार्वती के प्रेम की कथा से जुड़ा हुआ है, और इसे बड़े धूमधाम से मनाया जाता है।

Hartalika Teej 2024 की तिथि और मुहूर्त

तिथि: भाद्रपद मास की शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि 5 सितंबर दिन गुरुवार को दोपहर 12:21 बजे से शुरू होगी और 6 सितंबर दिन शुक्रवार को दोपहर 3:01 बजे समाप्त होगी।
उदयातिथि: हरतालिका तीज (Hartalika Teej) 6 सितंबर को मनाई जाएगी। इस दिन पूजा के लिए पवित्र मुहूर्त 2 घंटे 31 मिनट का होगा।

पूजा विधि

1. स्नान और तैयारी

– हरतालिका तीज के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ कपड़े पहनें।

2. पूजा स्थल की तैयारी

– एक साफ स्थान पर चौकी बिछाएं और उस पर लाल कपड़ा बिछाएं।
– एक चौकी पर शिवलिंग स्थापित करें और उसे पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद, और पानी) से स्नान कराएं।

3. पूजा सामग्री

– शिवलिंग और माता पार्वती की मूर्ति को फूलों, बेल पत्र, चंदन से सजाएं।
– दीपक जलाएं और धूप अर्पित करें।
– शिवलिंग को फल और मिठाई का भोग लगाएं और माता पार्वती की मूर्ति पर सिंदूर लगाएं।

4. मंत्र जाप

– पूजा के दौरान निम्नलिखित मंत्रों का जाप करें:
ऊँ नमः शिवाय
ऊँ शं शं शिवाय शं शं कुरु कुरु ऊँ
नमामिशमीशान निर्वाण रूपं विभुं व्यापकं ब्रह्म वेद स्वरूपं
ऊँ क्लीं क्लीं क्लीं वृषभारूढ़ाय वामांगे गौरी कृताय क्लीं क्लीं क्लीं ऊँ नमः शिवाय

5. कथा सुनें

पूजा के अंत में हरतालिका तीज की कथा सुनना अनिवार्य है। यह कथा पर्व की महत्वता को दर्शाती है और पूजा को सम्पूर्ण बनाती है।

6. दान और समाप्ति

– पूजा के बाद गरीबों और जरूरतमंदों को दान करें।

पूजा में शामिल करें ये सामग्री

– मिट्टी या धातु का शिवलिंग
– दूध, दही, शहद, घी, पानी
– बेल पत्र, धतूरा, मोगरा, चंदन
– घी का दीपक, अगरबत्ती या धूप
– फल, मिठाई, सिंदूर, मेहंदी

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व्रत के दौरान ध्यान देने योग्य बातें

– दिन में सोना वर्जित: हरतालिका तीज के दिन दिन में सोना उचित नहीं माना जाता है।
– व्रत कथा पढ़ना: पूजा में व्रत कथा पढ़ना अनिवार्य है, क्योंकि इसके बिना व्रत पूरा नहीं माना जाता।
– क्रोध और द्वेष से बचें: व्रत के दौरान क्रोध, द्वेष और वाद-विवाद से बचना चाहिए। संयमित वाणी और शांति बनाए रखें ताकि व्रत सफल हो सके।
– व्रत की निरंतरता: एक बार व्रत करने के बाद इसे जीवन भर रखना चाहिए। यदि आप खुद व्रत नहीं कर पा रही हैं तो आपके स्थान पर पति या कोई अन्य महिला व्रत कर सकती है।

हरतालिका तीज के दिन शिव और पार्वती की पूजा करके आप न केवल व्यक्तिगत जीवन में सुख और समृद्धि प्राप्त कर सकती हैं, बल्कि वैवाहिक जीवन में भी प्रेम और समझ को बढ़ावा दे सकती हैं।

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